Satyendar Jain Bail Plea: मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर गुरुवार (06 अप्रैल) को दिल्ली हाईकोर्ट अपना आदेश सुना सकता है. मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है. सत्येंद्र जैन को एजेंसी ने साल 2022 में मई के महीने में गिरफ्तार किया था.
जैन पर कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिये धन शोधन करने का आरोप लगा है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा गुरुवार को फैसला सुनाएंगे. उच्च न्यायालय ने ईडी और आप नेता के वकील की दलीलें सुनने के बाद 21 मार्च को जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था.
सत्येंद्र जैन का पहलू
सत्येंद्र जैन ने पहले कहा था कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है. चार्जशीट दाखिल होने के बाद उनका कारावास जारी रखने की कोई जरूरत नहीं थी. उन्होंने ट्रायल कोर्ट के 17 नवंबर, 2022 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनकी जमानत याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि वह प्रथम दृष्टया अपराध की आय को छिपाने में शामिल थे.
उनके अलावा, ट्रायल कोर्ट ने वैभव जैन और अंकुश जैन को भी यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने जानबूझकर अपराध छिपाने में सत्येंद्र जैन की सहायता की और मनी लॉन्ड्रिंग के प्रथम दृष्टया दोषी थे. इन दोनों अभियुक्तों की जमानत याचिकाओं पर भी हाईकोर्ट अपना आदेश सुनाएगा. वहीं, इन तीनों आरोपियों की जमानत याचिका का ईडी ने विरोध किया था.
ईडी ने 2017 में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन को गिरफ्तार किया था. उन्हें सीबीआई के दर्ज मामले में 6 सितंबर, 2019 को ट्रायल कोर्ट से नियमित जमानत दी गई थी.
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