Mirza Ghalib Birth Anniversary 27 December Know Best Hindi Urdu Shayari Of Ghalib

Mirza Ghalib Shayari in Hindi: मिर्जा गालिब उर्दू भाषा के ऐसे फनकार थे, जिनके शेर को आप किसी भी मौके पर इस्तेमाल कर सकते हैं. प्रियतम से मिलने की खुशी हो या बिछड़ने का गम, आलिंगन की मादकता हो या कल्पना की उड़ान, आज भी युवा पीढ़ी के बीच गालिब की शायरी को व्यापक रूप से सराहा जाता है.

गालिब को प्रेम की कितनी गहरी समझ थी यह उनकी शायरियों से ही पता चलता है. आज भी गालिब के शेर के साथ इश्क का इजहार होता है और जब दिल टूटता है तो गालिब के शेर ही मरहम का काम करते हैं.

कहा जाता है कि, गालिब शायरी नहीं बल्कि शब्दों की जादूगरी किया करते थे. इसलिए तो जब भी शेर-शायरी का जिक्र होता है गालिब का नाम जरूर लिया जाता है. गालिब अपनी गजल और शायरी में हमेशा जिंदा रहेंगे. क्योंकि गालिब ऐसे अजीज शख्सियत हैं जो वक्त की धूल में कभी खो नहीं सकते.

बता दें कि मिर्जा गालिब का असली नाम मिर्जा असदुल्लाह बेग खान था. बाद में इन्होंने अपना नाम मिर्जा गालिब कर लिया. गालिब का नाम अर्थ ‘विजेता’ होता है. इनका जन्म 27 दिसंबर 1797 को हुआ था. इनके पूर्वज तुर्की से भारत आए थे. गालिब मुगल काल के दौरान प्रसिद्ध शायर थे. आज भी मिर्जा गालिब का नाम बड़े अदब के साथ लिया जाता है. गालिब ऐसे शब्ख थे जिन्होंने खुद अपनी बदनामी का भी लुत्फ भी उठाते हुए लिखा- ‘होगा कोई ऐसा भी जो ग़ालिब को न जाने शायर तो वो अच्छा है पर बदनाम बहुत है.. ‘आइये जानते हैं गालिब के कुछ चुनिंदा शेर..

हज़ारों

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By jaghit

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