MGNREGA Workers: पिछले एक महीने से ज्यादा समय से मनरेगा मजदूर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन लोगों ने ये विरोध प्रदर्शन 40वें दिन भी जारी रखा. ये लोग ऐप के माध्यम से अपनी हाजिरी लगाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में डीएमके सांसद कनिमोझी और आरजेडी सांसद मनोज झा ने इन मजदूरों का समर्थन किया है और नई व्यवस्था को वापस लेने की मांग भी की है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ग्रामीण विकास और पंचायती राज को लेकर संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षता करने वाली कनिमोझी ने कहा है कि वह समिति के समक्ष मनरेगा श्रमिकों को आमंत्रित करेंगी. इसके अलावा मनोज झा ने सरकार पर श्रमिकों की बात नहीं सुनने का आरोप लगाया और विरोध को सड़कों पर ले जाने पर जोर दिया.
क्या बोले मनोज झा?
उन्होंने कहा कि मनरेगा श्रमिकों को आधार-आधारित भुगतान पर राज्यसभा में उनके सवाल का सरकार की ओर से ठीक से जवाब नहीं दिया गया. आरजेडी सांसद ने कहा, ”मैं इस सत्र के बारे में क्या कह सकता हूं… आप सभी देख रहे हैं कि संसद में क्या हो रहा है, संसद में क्या हुआ है. हमें भूत काल का उपयोग करना चाहिए, वहां संसद हुआ करती थी. जब हम नए भवन में जाते हैं तो शायद यह और भी कठिन होगा.”
मनोज झा ने आगे कहा, “अब हमारे पास एक ही तरीक बचा है… वो सड़क पर बल से डरते हैं, न कि संसद में मौजूद बल से. अगर सड़क और संसद का तालमेल हो गया तो वो इसे वापस ले लेंगे. हमने उन्हें कई कानूनों को वापस लेते देखा है.”
कनिमोझी ने क्या कहा?
कनिमोझी ने ऐप-आधारित उपस्थिति प्रणाली की आवश्यकता पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, “सरकार कहती है कि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ है, लेकिन आखिर में वो क्या कर रही है कि कुछ लोग पैसे लेकर चले जाएं. वास्तव में तो लोगों तक पैसे पहुंचाने का इरादा ही नहीं था. हम जानते हैं कि ये सरकार कल्याण में विश्वास नहीं करती है, ये सिर्फ कुछ लोगों के कल्याण में विश्वास करती है, वे कुछ लोगों की रक्षा के लिए हथियार उठा चुके हैं.”
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