Maharashtra: बीते साल शिवसेना में फूट की वजह से महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिर गई. इसी फूट पर एनसीपी नेता और एमवीए सरकार में डिप्टी सीएम रहे अजित पवार ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि मैंने उद्धव ठाकरे को पहले ही आगाह कर दिया था कि उनकी पार्टी में बगावत होने वाली है, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की.
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए पवार ने कहा कि हमने दो-तीन बार उद्धव ठाकरे को उनकी पार्टी में बढ़ती बगावत के बारे में जानकारी दी थी और इस मामले पर कुछ बैठकें भी की थीं लेकिन उन्होंने कहा कि उनको अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है, और वे इतना बड़ा कदम नहीं उठाएंगे, इसके बाद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की.
‘विधायकों को रोकने की नहीं की कोशिश’
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि 15-16 विधायकों के पहले बैच (शिवसेना के उद्धव गुट) के पार्टी छोड़ने के बाद, पार्टी में टूट को रोकने के लिए अपने दल को साथ रखने की जरूरत थी लेकिन उनकी तरफ से ऐसा कोई भी प्रयास नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि वास्तव में उस समय मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी सामान्य भावना यह थी कि जो भी पार्टी छोड़ना चाहता है वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है.
पवार ने आगे कहा कि शिवसेना के नेताओं ने अपने पार्टी सदस्यों पर आंख मूंद करके भरोसा किया था और उन्होंने उद्धव को धोखा दे दिया, मैं अभी भी नहीं समझ पा रहा हूं कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया.
शिवसेना में क्या हुआ था?
एमवीए सरकार के समय शिवसेना में नंबर दो एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिवसेना के विधायकों के साथ बगावत कर दी थी. एकनाथ शिंदे का कहना था कि उद्धव ठाकरे ने सरकार में बने रहने के लिए बाला साहब ठाकरे की विचारधारा से समझौता कर लिया है, इसलिए मजबूरन उनको बगावत करनी पड़ रही है.
शिंदे के साथ शिवसेना के 39 विधायकों और 10 निर्दलीय विधायक ने शिवसेना पर अपना दावा ठोकते हुए बीजेपी के साथ सरकार बना ली थी.