K Tulsi Amman: वाराणसी में आयोजित काशी-तमिल संगम में तमिलनाडु की एक महिला शामिल हुई. इसको लेकर उन्होंने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी और उन्हें धन्यवाद दिया था. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनको जवाब दिया. ये महिला के. तुलसी अम्मन हैं और वो तमिलनाडु से उत्तर प्रदेश आईं थीं.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अम्मन ने कहा, “सुलुर गांव से 27 लोगों ने इस यात्रा के लिए आवेदन किया था और इनमें से दो लोगों का चयन हुआ. हमें हर जगह ले जाया गया और उन्होंने हमारी अच्छी तरह से देखभाल की. सुरक्षा से लेकर खाने तक की व्यवस्था बहुत ही अच्छी थी. इसके बाद एक चिट्ठी लिखने के लिए कहा गया तो हमने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी.”
पीएम मोदी ने इस चिट्ठी का दिया जवाब
तुलसी अम्मन ने कहा, “जब हमारी यात्रा पूरी हो गई तो हमें एक चिट्ठी लिखने के लिए कहा गया था और इसके आधार पर पीएम मोदी ने हमें जवाब दिया है. हम उनके आभारी हैं. हम इस यात्रा और इस चिट्ठी और पीएम मोदी को कभी नहीं भूलेंगे.”
27 people from Sulur village had applied for the trip and only two of us were selected. We were taken everywhere and they took care of us nicely. Security/food arrangements were very good. While returning we were asked to write a letter and based on my letter, PM replied to me.… pic.twitter.com/o3Z37dHn3s
— ANI (@ANI) April 4, 2023
क्या कहा पीएम मोदी ने?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके पत्र का जवाब देते हुए कहा, “ऐसे समय में जब दुनिया भारत को आशा की किरण और एक प्रेरक शक्ति के रूप में देख रही है, मैं एक एकजुट और विश्व मंच पर उच्च ऊर्जा प्रभाव से परिपूर्ण मजबूत राष्ट्र के लिए काशी तमिल शंकरा के साथ आपके बंधन की भी सराहना करता हूं.”
पीएम ने अनुभव को बताया
प्रधानमंत्री ने पिछले साल नवंबर में वाराणसी में एक महीने तक आयोजित किए गए कार्यक्रम ‘काशी तमिल संगमम’ का उद्घाटन किया था. ये आयोजन भारत के उत्तर और दक्षिण के बीच ऐतिहासिक एवं सभ्यतागत संबंधों के कई पहलुओं का जश्न है. इसका व्यापक उद्देश्य ज्ञान और सांस्कृतिक परंपराओं (उत्तर एवं दक्षिण की) को करीब लाना, हमारी साझा विरासत की समझ विकसित करने के साथ इन क्षेत्रों के लोगों के बीच संबंध को और मजबूत करना है.
तमिलनाडु के लोगों के वाराणसी में संगमम में अपने अनुभव साझा करने के लिए लिखे गए सैकड़ों पत्रों से उत्साहित मोदी ने उन्हें पत्र लिखा है और उन्हें ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का ध्वजवाहक बताया है.
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