Jammu & Kashmir: जम्मू-कश्मीर में अगले साल विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. सूत्रों ने कहा जम्मू-कश्मीर की अंतिम मतदाता सूची 25 नवंबर को प्रकाशित हुई थी, जिससे चुनावों के बारे में कुछ जानकारियों को साझा किया गया था. जम्मू-कश्मीर में साल 2019 में संविधान का अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था. अनुच्छेद 370 हटाए जाने बाद यह पहला विधानसभा चुनाव होगा.
हालांकि सूत्रों ने कहा कि अगले साल गर्मी में सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए चुनाव हो सकते हैं. अनुच्छेद 370 की बहाली सुप्रीम कोर्ट के पास लंबित मामला है. इस मुद्दे पर अदालत जो भी निर्णय देगी वह अंतिम फैसला होगा. राज्य का दर्जा वापस दिलाना एक और चुनावी वादा है, जिसे स्थानीय राजनीतिक दल अपने चुनाव अभियानों और घोषणापत्रों में सबसे ऊपर रखेंगे.
कई दिन से तैयारियां चल रही हैं
जम्मू-कश्मीर में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की तैयारी कर रही है. इसको लेकर मतदाता सूची पर भी काम किया जा रहा है. पिछले तीस साल के दौरान कश्मीर में बिगड़े हालात के चलते कश्मीर से बाहर रह रहे 7.72 लाख से अधिक नए मतदाताओं को जोड़ा गया है. जम्मू और कश्मीर के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनिल सलगोत्रा ने बताया था कि इस बार 42,91,687 पुरुष, 40,67,900 महिलाएं और 184 तृतीय लिंगी सहित कुल 83,59,771 मतदाता हैं.
तनवीर सादिक ने उठाए थे सवाल
नेशनल कांफ्रेंस के तनवीर सादिक ने कहा, “जम्मू और कश्मीर के लोगों को एक प्रतिनिधि, उत्तरदायी सरकार से कब तक वंचित रखा जाना चाहिए? इसलिए, यह सबसे महत्वपूर्ण है कि निर्वाचन आयोग को सामने आना चाहिए और यह बताना चाहिए कि वे कितनी जल्दी चुनाव कराएंगे.”
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अंतिम मतदाता सूची के जारी होने के साथ ही सादिक ने यह उम्मीद भी जताई कि अब 25 लाख नए मतदाताओं को जोड़ने के बारे में भ्रम और परिणामी आशंकाओं को दूर किया जाएगा, जैसा कि जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन सीईओ हृदेश कुमार ने अगस्त में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था. हम यह भी उम्मीद करते हैं कि भ्रम और लोगों की आशंकाओं पर ध्यान दिया जाएगा.