Irani Actress Taraneh Alidoosti: ईरानी अधिकारियों ने देश की मशहूर अभिनेत्रियों में से एक को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बारे में झूठ फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. सरकारी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया कि ऑस्कर विजेता फिल्म “द सेल्समैन” (The Salesman) की स्टार तारानेह अलीदूस्ती पर आरोप है कि उन्होंने एक ऐसे शख्स के साथ एकजुटता व्यक्त की जिसे हाल ही में अपने अपराधों के लिए मौत की सजा दी गई थी.
सरकारी मीडिया के आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अलीदूस्ती को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने “अपने दावों के अनुरूप कोई भी दस्तावेज” उपलब्ध नहीं कराया था. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि कई अन्य ईरानी हस्तियों को भी “भड़काऊ सामग्री प्रकाशित करने पर न्यायपालिका निकाय ने तलब किया था.”
‘मानवता के लिए शर्म की बात’
अपने पोस्ट में 38 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा था, ”उसका नाम मोहसिन शेखरी था. हर अंतरराष्ट्रीय संगठन जो इस खूनखराबे को देख रहा है और कार्रवाई नहीं कर रहा है, वह मानवता के लिए शर्म की बात है.” उल्लेखनीय है कि ईरानी अदालत ने तेहरान में एक सड़क को ब्लॉक करने और सुरक्षा बलों के एक सदस्य को चाकू मारने के मामले में शेखरी को मौत की सजा सुनाई थी. शेखरी को 9 दिसंबर को मार दिया गया था.
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पहले भी किया गया एक्ट्रेसस को गिरफ्तार
नवंबर में दो अन्य प्रसिद्ध ईरानी अभिनेत्रियों हेंगामेह ग़ज़ियानी और कातायुन रियाही को भी अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए गिरफ्तार किया था. ईरानी फुटबॉल खिलाड़ी वोरिया गफौरी को भी पिछले महीने “राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का अपमान करने और सरकार के खिलाफ़ प्रचार करने” के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अब तीनों को रिहा कर दिया गया है.
बता दें कि सितंबर के महीने से अलीदूस्ती ने इंस्टाग्राम पर कम से कम तीन पोस्ट में खुले तौर पर प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त की है. इंस्टाग्राम पर उनके करीब 80 लाख फॉलोअर्स हैं. वहीं अब उनके अकाउंट को सस्पेंड कर दिया गया है.
ईरान ने दूसरे कैदी को दी फांसी की सजा
पिछले हफ्ते ईरान ने विरोध प्रदर्शनों के सिलसिले में एक दूसरे कैदी मजीदरेज़ा रहनवार्ड को फांसी दी. फांसी देने के बादद रहनवार्ड के शव को क्रेन से लटका दिया गया. ईरानी अधिकारियों ने आरोप लगाया कि रहनावार्ड ने अर्धसैनिक बल के दो सदस्यों को चाकू मारा था. बता दें कि ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट का कहना है कि बंद कमरे में हुई सुनवाई में कम से कम एक दर्जन लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है.
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