Indian Air Force get Tejas MK-1A aircraft defeat Pakistani fighter jet JF-17

Indian Air Force: इंडियन एयर फोर्स को जल्द ही तेजस विमान का नया वर्जन MK-1A मिलने जा रहा है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इस विमान का निर्माण कर रहा है और इसी साल जुलाई में महीने में भारतीय वायु सेना को डिलीवरी करना शुरू कर देगा. इसी साल मार्च महीने से एमके-1ए विमानों का ट्रॉयल चल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि ट्रॉयल की प्रक्रिया जुलाई महीने तक पूरी कर ली जाएगी, जिसके भार इंडियन एयरफोर्स को इन विमानों की डिलीवरी शुरू कर दी जाएगी. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और इंडियन एयर फोर्स के बीच 48 हजार करोड़ की डील हुई है. 

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भारतीय वायुसेना को 83 तेजस MK-1A फाइटर जेट देगा. इसके अलावा भारतीय वायु सेना 97 अतिरिक्त लड़ाकू विमानों के लिए ऑर्डर देने पर विचार कर रही है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स की तरफ से निर्मित किए जा रहे तेजस मार्क -1ए विमान में 65 फीसदी भारतीय तकनीक का प्रयोग हुआ है. इस विमान की डिजाइन भी स्वदेशी है, इसे 4-प्लस पीढ़ी का विमान बताया जा रहा है. 

हवा में वर्चस्व कायम करेगा तेजस विमान
भारत का यह विमान हल्के लड़ाकू विमानों की श्रेणी में आता है. परीक्षण उड़ानों के बाद से ही माना जा रहा है कि यह विमान हवा में वर्चस्व कायम करेगा. ट्रॉयल उड़ानों को वैश्विक बिक्री के लिए प्रतियोगिता के तौर पर भी देखा जा रहा है. भारत के तेजस एमके-1ए की टक्कर सीधे तौर पर पाकिस्तान के जेएफ-17 से मानी जा रही है. दोनों विमान समान सैन्य अभियानों और आवश्यकताओं के आधार पर बनाए गए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि विश्व बाजार में दोनों विमानों की कड़ी प्रतिस्पर्धा हो सकती है.

एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का तेजस एमके-1ए विमान वजन और आकार के हिसाब से हल्के लड़ाकू जेट की श्रेणी में आता है. भारतीय वायुसेना साल 2016 से ही इस नए वर्जन पर काम कर रही है. यह स्वेदशी विमान भारत के 40 साल पुराने अभियान का हिस्सा है. तेजस एमके-1ए विमान के एक यूनिट की लागत 37.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है. वहीं पाकिस्तान का जेएफ-17 भी कम लागत वाला विमान माना जाता है, ऐसे में दोनों विमानों की तकनीकी और क्षमता एक दूसरे के करीब है.

तेजस विमान की तकनीक
इंडिया एयरोस्पेस एंड डिफेंस बुलेटिन ने नवंबर 2023 में कहा था कि तेजस विमानों की परिकल्पानी मिग-21 विमानों के रिप्लेसमेंट के तौर पर की गई थी. आने वाले दिनों में तेजस विमान भारतीय वायु सेना की रीढ़ के रूप में उभरेंगे. भारत रक्षा अनुसंधान विंग के मुताबिक, तेजस एमके-1ए विमान में इजरायली ईएलटीए ईएलएम-2052 रडार का उपयोग किया गया है. इसमें कई तरह की उन्नत तकनीक का प्रयोग किया गया है. इसमें प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम और जीपीएस प्रणाली भी लगाई गई है. सभी तेजस वेरिएंट में 30 मिमी रूसी जीएसएच-30-1 गन होगी. इस गन का उपयोग भारतीय वायु सेना लंबे समय से करती आ रही है. 

पाकिस्तानी जेएफ-17 विमान की क्षमता
पाकिस्तान का जेएफ-17 विमान चीनी केएलजे-7ए एईएसए रडार का उपयोग करते हैं, जिसकी अधिकतम सीमा 170 किलोमीटर होने का दावा किया गया है. इस विमान में भी तेजस जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इलमें भी नाइट-विजन डिस्प्ले, इन्फ्रारेड सर्च, ट्रैक और जीपीएस क्षमता है. जेएफ-17 विमान को रूसी जीएसएच-23 डुअल-बैरल तोप से लैस किया जा सकता है. यह विमान सैटेलाइट-निर्देशित बम, रॉकेट, एंटी-शिप मिसाइल और एंटी-रेडिएशन मिसाइलों का उपयोग कर सकता है.

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By jaghit