S Jaishankar On G20 Success: भारत में जी20 के सफल आयोजन को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बहुत से लोग इस बात से आश्चर्यचकित थे कि भारत सभी को इस साथ कैसे लेकर आया. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि उन्हें इसकी उम्मीद थी. कुछ ऐसे लोग भी होंगे जो अभी भी सोच रहे होंगे कि ये कैसे मुमकिन हुआ?”
यहां गौर करने वाली बात ये है कि जी20 शिखर सम्मेलन के समापन पर अपनाई गई नई दिल्ली घोषणा में सभी 83 पैराग्राफों पर सभी सदस्य देशों की 100 प्रतिशत सहमति थी. ये भारत की अध्यक्षता की सबसे बड़ी उपलब्धि थी कि सभी पश्चिमी देशों, चीन, रूस से लेकर दूसरे विकासशील देशों को हर मुद्दे पर एक साथ ला सके.
क्या बोले एस जयशंकर?
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मेरे साथ यहां मौजूद कुछ लोगों ने इस बात की सराहना की कि हमें जी20 ग्लोबल साउथ पर फोकस करने के लिए मिला. जिस काम के लिए जी20 बनाया गया वह वैश्विक वृद्धि और विकास था.” जयशंकर ने आगे कहा, “हमने उन्हें इस पर फिर से ध्यान केंद्रित करने और ग्लोबल साउथ पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा. हमने पहले ही ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन करके आंशिक रूप से ऐसा किया.”
‘किसी चुनौती से कम नहीं था जी20’
जी20 में उपस्थिति को लेकर एस जयशंकर ने कहा, “आपकी उपस्थिति हमारे लिए मायने रखती है. ये उन भावनाओं को भी व्यक्त करता है जो आप भारत के लिए महसूस करते हैं और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को रेखांकित करता है.” उन्होंने आगे कहा, “वो एक चुनौतीपूर्ण समित था और इसकी अध्यक्षता भी किसी चुनौती से कम नहीं थी. जी20 की अध्यक्षता करना काफी चुनौतीपूर्ण था. इस समय दुनिया में पूर्व-पश्चिम ध्रुवीकरण चल रहा है. वहीं उत्तर-दक्षिण देशों के बीच विभाजन की रेखा खींची है. ऐसे में सभी को साथ लाकर एक एजेंडे पर बात करना आसान नहीं था.”
ये भी पढ़ें: ‘भारत की जी20 की अध्यक्षता चुनौतियों से भरी रही’, विदेश मंत्री जयशंकर ने US में क्यों कही ये बात?