How Much Corona Affect Children? New Report Claimed


Covid -19 New Research Report : अमेरिका में कोविड-19 पर हुए नई रिसर्च में बच्चों को लेकर बड़े खतरे के बारे में बताया गया है. इसके बाद पेरेंट्स को अलर्ट भी कर दिया गया है. नई रिसर्च में यह पता चला है कि विशिष्ट इम्युनोडिफिशिएंसी वाली बीमारियों से ग्रसित बच्चों की जीन में असमानताएं होती हैं, जो वायरल संक्रमण के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देती हैं. इससे इस तरह की बीमारी से पीड़ित बच्चों में मौत की आशंका बहुत ज्यादा होती है. यह रिसर्च जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी में छपा है. 

बच्चों में मृत्यु दर बहुत ज्यादा

 

इस रिसर्च में कहा गया है कि, SARS-CoV-2 कोरोनावायरस से संक्रमित ज्यादातर बच्चों में बीमारी के हल्के लक्षण ही नजर आते हैं. लेकिन इससे ही बच्चों में गंभीर समस्या होने लगती है. स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर कियांग पैन-हैमरस्ट्रॉम ने कहा कि “SARS-CoV-2 से संक्रमित प्राथमिक इम्यूनोडिफीसिअन्सी रोगों वाले बच्चों में मृत्यु दर बहुत अधिक है.”

शोध के नतीजे में क्या आया 


उन्होंने कहा कि”हमारे नतीजे बताते हैं कि Covid -19 और MIS -C जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों में जेनेटिक जांच जरूर किया जाना चाहिए. डॉक्टर तब इन बच्चों को उनके जेनेटिक के आधार पर सही रूप से इलाज के अलावा  मदद करने में सक्षम होंगे.” शोधकर्ताओं ने इम्युनोडेफिशिएंसी रोगों से ग्रसित  युवा रोगियों में भी जेनेटिक और प्रतिरक्षा विज्ञानी पर शोध किया , जिन्हें प्रतिरक्षा की जन्मजात त्रुटियां भी कहा जाता है. जिससे गंभीर SARS-CoV-2 संक्रमण का विकास हुआ है.

प्रो.पैन-हैमरस्ट्रॉम  ने क्या कहा


प्रो.पैन-हैमरस्ट्रॉम ने कहा कि “हमारे परिणाम इन प्रतिरक्षा रोगों के आणविक तंत्र को स्पष्ट करते हैं,  जिसके जरिए हम पूरी तरह से टारगेट कर कोविड का इलाज कर सकते हैं. इस रिसर्च से हमें जो जानकारी मिली है, उससे हम गंभीर COVID-19 बीमारी के उपचार और रोकथाम के लिए बेहतर रणनीति विकसित कर सकते हैं.”

31 बच्चों पर हुआ था शोध


इस शोध में पांच महीने से 19 साल की उम्र के 31 बच्चों को शामिल किया गया था. आणविक निदान के बिना सभी बच्चों को किसी न किसी प्रकार की प्राथमिक इम्यूनोडिफिशिएंसी बीमारी थी और वे गंभीर COVID-19 से पीड़ित थे.सभी को को ईरान में अगस्त से सितंबर 2020 तक भर्ती किया गया था. उनमें से किसी को भी COVID-19 का टीका नहीं लगाया गया था. शोधकर्ताओं ने कहा कि एक तिहाई से अधिक लगभग ग्यारह बच्चों की मौत संक्रमण के कारण हो गई. पांच बच्चों में मल्टी इनफ्लेमेट्री सिंड्रोम (MIC-C) के मानदंडों को पूरा किया. उन्होंने कहा कि कुछ बच्चों में कोरोनावायरस के प्रति एंटीबॉडी की कमी थी.

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By jaghit

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