How Does Covid-19 Damage The Heart? This Thing Came Out In Research

Post Effects Of Covid -19 : कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा चुका है. पूरे विश्व में करीब करोड़ों लोग इससे ग्रसित हो चुके हैं. मरीजों के ठीक होने के बाद भी उन्हें हृदय से संबंधित कई तरह के रोग  का सामना करना पड़ रहा हैं. एक ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कैसे कोरोना वायरस दिल के कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है. वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में सफल रहे हैं कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद कैसे यह वायरस हमारे शरीर पर प्रभाव डालता है. 

इससे कोविड-19 से उबरे मरीजों में पनपने वाली हृदय संबंधी समस्याओं का बेहतर इलाज खोजने की उम्मीद भी जगी है. ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने एक छोटे समूह पर किए गए अनुसंधान में पाया कि कोविड-19 संक्रमण हृदय के ऊतकों में मौजूद डीएनए को नुकसान पहुंचाता है. इंफ्लुएंजा से संक्रमित मरीजों के मामले में ऊतकों के डीएनए में नुकसान देखने को नहीं मिला.

कोविड-19 और इंफ्लुएंजा दोनों है गंभीर बीमारी 

वैज्ञानिकों ने कहा कि कोविड-19 और इंफ्लुएंजा, दोनों ही सांस से जुड़े गंभीर संक्रामक रोग हैं, लेकिन इनके दिल के कोशिकाओं को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करने के संकेत मिले हैं. रिसर्च टीम में शामिल अरुथ कुलसिंघे के मुताबिक, “कोविड-19 ने मरीजों में 2009 में फैली इन्फ्लूएंजा महामारी के मुकाबले ज्यादा गंभीर और लंबे समय वाले हृदय रोगों को जन्म दिया है, लेकिन आणविक स्तर पर इसका क्या कारण था, यह ज्ञात नहीं था.”

कोविड के मरीजों में ही ऐसा क्यों होता है

उन्होंने कहा, “हमारे अनुसंधान में हमें कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के दिल के कोशिकाओं  में वायरस के अंश नहीं मिले, लेकिन हमने उनमें डीएनए में नुकसान और उसकी मरम्मत से जुड़े बदलाव जरूर दर्ज किए.”
कुलसिंघे के अनुसार, डीएनए में नुकसान और उसकी मरम्मत की प्रक्रिया डायबिटीज, कैंसर, एथेरोस्क्लेरोसिस और न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार (ऐसी बीमारियां, जिनके तंत्रिका तंत्र की कोशिकाएं या तो नष्ट हो जाती हैं या फिर काम करना बंद कर देते हैं) जैसे लंबे समय वाले बीमारियों से संबंधित है, लिहाजा यह जानना अहम है कि कोविड-19 के मरीजों में ऐसा क्यों होता है.

‘जर्नल इम्यूनोलॉजी’में क्या छपा

उन्होंने कहा कि हृदय पर कोविड-19 के असर से संबंधित डेटा पहले सिर्फ खून में मौजूद बायोमार्कर और रक्तचाप, हृदय गति सहित कई कारणों पर आधारित था, क्योंकि हृदय की बायोप्सी के लिए नमूने हासिल करने की प्रक्रिया जटिल है.

हालांकि,‘जर्नल इम्यूनोलॉजी’के हालिया अंक में प्रकाशित इस अनुसंधान के लिए ब्राजील में कोविड-19 से जान गंवाने वाले सात मरीजों, इंफ्लुएंजा से दम तोड़ने वाले दो रोगियों और छह ऐसे मरीजों के पोस्टमार्टम के दौरान लिए गए हृदय के ऊतकों का इस्तेमाल किया गया, जो न तो कभी इंफ्लुएंजा और न ही कोविड-19 से संक्रमित हुए थे.

प्रोफेसर जॉन फ्रेजर ने क्या कहा 

इस रिसर्च से पता चला कि कोविड-19 सांस से जुड़े संक्रमणों के मुकाबले शरीर को कैसे प्रभावित करता है. रिसर्च टीम से जुड़े प्रोफेसर जॉन फ्रेजर ने बताया, “जब हमने इंफ्लुएंजा से संक्रमित व्यक्ति के हृदय के ऊतकों के नमूनों का अध्ययन किया तो पाया कि उसमें अत्यधिक सूजन थी. वहीं, कोविड-19 से जान गंवाने वाले मरीजों के संबंध में हमने देखा कि कोरोना वायरस हृदय के डीएनए पर हमला करता है, वो भी संभवत: सीधे, न कि बाहर से केवल सूजन के रूप में.”

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By jaghit