ICMR Guidelines not to use non stick pot you can leave steel aluminium stencils also use only earthen or mud pot Home Tips: स्टील-एल्युमिनियम छोड़िए और थाम लीजिए इन बर्तनों का साथ, आपकी किचन हो जाएगी पूरी तरह ईको फ्रेंडली


<p style="text-align: justify;">रोजाना कोई न कोई स्टडी आती है और हाउसवाइफ को डराकर रख देती है. ऐसी ही एक स्टडी आईसीएमआर ने भी जारी की है, जिसका नाम 2024 डाइटरी गाइडलांस फॉर इंडियंस है. इसमें बताया गया है कि नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाने से सेहत को नुकसान पहुंचता है. अब सवाल उठता है कि हमें खाना बनाने के लिए किस तरह के बर्तन इस्तेमाल करने चाहिए?</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>क्या है आईसीएमआर की गाइडलाइन?</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">बता दें कि आईसीएमआर ने हाल ही में नॉन स्टिक बर्तनों को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं. इसमें बताया गया है कि अगर नॉन-स्टिक कुकवेयर पर टेफलॉन की कोटिंग है तो बर्तन को 170 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म नहीं करना चाहिए. इसके अलावा ऐसे बर्तनों को ज्यादा देर तक आंच पर नहीं छोड़ना चाहिए. आईसीएमआर का कहना है कि ज्यादा देर तक आंच पर छोड़ने या तेज गर्म करने पर टेफलॉन की कोटिंग से धुआं निकलने लगता है, जिसमें जहरीले तत्व होते हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>आईसीएमआर ने दी यह चेतावनी</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">गौर करने वाली बात यह है कि आईसीएमआर ने इन बर्तनों पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में कुछ नहीं कहा है. हालांकि, इनका इस्तेमाल करते वक्त लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा है. आईसीएमआर ने यह भी कहा है कि अगर नॉन-स्टिक कुकवेयर की कोटिंग उतरने लगती है तो बर्तन को तुरंत बदल लेना चाहिए, क्योंकि इससे सेहत के प्रति खतरा बढ़ जाता है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>टेफलॉन कोटिंग क्यों होती है खतरनाक?</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">आईसीएमआर के मुताबिक, भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में लोग टेफलॉन कोटिंग वाले बर्तन इस्तेमाल कर रहे हैं. आम भाषा में इन्हें नॉन-स्टिक बर्तन कहा जाता है. आईसीएमआर ने बताया कि टेफलॉन सिंथेटिक कंपाउंड है, जो कार्बन और फ्लोरीन को मिलाकर बनाया जाता है. दावा है कि ज्यादा तापमान पर जब टेफलॉन कोटिंग वाले बर्तन इस्तेमाल किए जाते हैं तो उनसे जहरीले तत्व निकलने लगते हैं. इसकी वजह से खाने में पॉलीफ्लोरोएल्किल पदार्थ जैसे माइक्रो प्लास्टिक आदि आ जाते हैं और भोजन दूषित हो जाता है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>फिर किचन को कैसे बनाएं ईको फ्रेंडली?</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">गौर करने वाली बात यह है कि एल्युमीनियम के बर्तनों को इस्तेमाल न करने की बात काफी पहले कही जा चुकी हैं. अब नॉन-स्टिक बर्तनों को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि किचन में किस तरह के बर्तनों को इस्तेमाल करना चाहिए. बता दें कि आईसीएमआर ने मिट्टी के बर्तनों को इस्तेमाल करने की सलाह दी है, जो सेहत को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. हालांकि, इन्हें संभालकर रखना थोड़ा मुश्किल हो सकता है.</p>
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By jaghit

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