Corona Virus: कोविड ने देश ही नहीं दुनिया भर में कहर बरपाया. हर घर में कोरोना के केस सामने आए हैं. कई देशों में ओमीक्रॉन वेरिएंट खतरनाक रहा तो भारत में डेल्टा वेरिएंट ने हजारों लोगों की जान ले लीं. कोविड के कारण लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए. केंद्र सरकार ने कोविड के खिलाफ लड़ाई के लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया. वैक्सीनेशन, हर्ड इम्यूनिटी और वायरस के खिलापफ एंटीबॉडीज डेवलप होने के कारण वायरस उतना असरदार नहीं रहा है. लेकिन इस वायरस के खतरनाक निगेटिव इफेक्ट अभी भी सामने आ रहे हैं. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि कई बीमारियों की चपेट में रहने वाले लोगों को कोविड से नुकसान अधिक होने का खतरा अधिक रहता है. यहां तक की जान भी जा सकती है. हाल में आई ICMR की रिपोर्ट चिंताजनक है.
किडनी-लीवर रोगी का जान जाने का खतरा अधिक
कोविड के प्रोटोकॉल में साफ है कि वायरस से बचाव के लिए दो गज की दूरी, मास्क पहनना, सेनिटाइजर का प्रयोग जरूरी है. हाल में ICMR की रिपोर्ट सामने आई है. उसमें क्रोनिक किडनी, लीवर की बीमारी, घातक ट्यूमर और टीबी रोगियों में सामान्य लोगों की अपेक्षा डेथ रेट अधिक होना बताया गया है. वैश्विक स्तर पर भी कुछ ऐसी ही तस्वीर उभरकर सामने आ रही है.
बुजुर्गाें का जीवन भी खतरे में
देश में बड़ी आबादी बुजुर्गाें की है. डॉक्टरों का कहना है कि वृद्ध अवस्था में हार्ट, मधुमेह, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां अपनी चपेट में ले लेती हैं. अन्य बीमारी होने वाली स्थिति को कोमोर्बटी अवस्था कहा जाता है. ऐसे लोग अन्य की अपेक्षा अधिक खतरे में होते हैं. कोविड से ऐसे लोगों की मौत होने की संभावना भी अधिक होती है.
बचाव के लिए टीका लगवाएं, प्रोटोकॉल का पालन करें
डॉक्टरों का कहना है कि कोविड से बचाव के लिए टीका लगवाना बेहद जरूरी है. वैक्सीनेशन होने पर मृत्यु होने की संभावना 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है. यदि किसी को टीका नहीं लगा है तो उसे तुरंत लगवाना चाहिए. कोविड के लिए जो जरूरी प्रोटोकॉल है. उसका पालन कर भी कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचा जा सकता है.
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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