H3N2 Influenza And Covid-19: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले घटने से एक तरफ लोगों को राहत मिली तो वहीं अब H3N2 इन्फ्लुएंजा (Influenza Virus) ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. सर्दी-खांसी और बुखार के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. देश के स्वास्थ्य अधिकारी भी इसको लेकर चिंतित हैं. आईसीयू (ICU) में दाखिले की संख्या बढ़ रही है और स्वास्थ्य अधिकारियों ने टेस्टिंग बढ़ाने का सुझाव दिया है.
वायरस पर स्टडी करने वाले एक वैज्ञानिक ने मीडिया आउटलेट मिंट को बताया कि कोरोना वायरस और इन्फ्लुएंजा दोनों में एक जैसे ही लक्षण हैं और वो दो से तीन महीने तक सर्वाइव कर सकते हैं. इनका इन्फेक्शन कम्युनिटी में ट्रैवल कर रहा है. वैज्ञानिक ने कहा कि इन्फ्लुएंजा के संदिग्ध मरीजों के सैंपल की कोरोना जांच भी की जा रही है.
‘म्यूटेशन की वजह से बढ़ रहे मामले’
इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन एजुकेशन के अध्यक्ष रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एच1एन1 वायरस का म्यूटेशन एच3एन2 वायरस हर साल इसी समय के आसपास फैलता है. इनके म्यूटेशन के कारण मामलों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “साल के इस समय जब मौसम बदलता है तो इन्फ्लूएंजा होने की अधिक संभावना होती है. हमें ऐसा भी लगा रहा है कि अब कोरोना नहीं है तो लोगों ने मास्क भी पहनना छोड़ दिया है. फिर से भीड़ हो रही है. ऐसे में वायरस अधिक तेजी से पैर पसार रहा है.”
‘कोरोना टेस्ट भी बढ़ने चाहिए’
हालांकि, शीर्ष अधिकारी ने मिंट को बताया कि ऐसे मामले (खांसी-बुखार) बढ़ने पर कोरोना टेस्ट की संख्या में बढ़ोतरी की जानी चाहिए. अधिकारी ने मिंट को बताया, “सरकार को निगरानी और टेस्ट बढ़ाने के लिए तुरंत एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम को निर्देशित करना चाहिए.” इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने 30 वायरल रिसर्च और डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाओं में अखिल भारतीय श्वसन निगरानी शुरू की है.
ऐसे करें बचाव
- नियमित रूप से हाथ धोने और सार्वजनिक जगह पर हाथ मिलाने और थूकने से बचें.
- आंख और नाक को छूने से बचें.
- खांसते समय मुंह और नाक को कवर कर लें.
- घर से बाहर निकलते वक्त मास्क का लगाना जरूरी है.
- प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचें.
- तरल पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें.
- बॉडी पेन या बुखार होने पर पेरासिटामोल लें.
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