Gehlot Likely To Step Down As Rajasthan CM: कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री (Rajasthan CM) अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. हालांकि गहलोत गुट चाहता है कि वह दिवाली (Diwali) के आसपास या दिसंबर में पद से इस्तीफा दें. कहा जा रहा है कि गांधी परिवार (Gandhi family) ने अशोक गहलोत को ऐसा करने के लिए मना लिया है.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने एक सूत्र के हवाले लिखा है कि गांधी परिवार ने अशोक गहलोत को इस्तीफा देने और सचिन पायलट (Sachin Pilot) को सीएम पद सौंपने के लिए मना लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, गांधी परिवार से हुए समझौते के तहत अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के आसपास सीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं. गहलोत राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) को सीएम बनाने के पक्ष में थे लेकिन उनका दबाव काम नहीं आया है.
अशोक गहलोत के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस खत्म
अब तक अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने को लेकर संस्पेंस बना हुआ था जो खत्म हो गया है. अशोक गहलोत ने एक बयान में स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव लड़ने जा रहे हैं. गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने फैसला कर लिया है कि वह चुनावी रेस में नहीं हैं, इसीलिए वह (गहलोत) अब नामांकन दाखिल करेंगे और चुनाव लड़ेंगे.
अशोक गहलोत ने चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि वह सीएम का पद छोड़ने वाले हैं. उन्होंने कहा कि ‘एक व्यक्ति एक पद’ के नियम के वह राजस्थान के सीएम का पद छोड़ेंगे. इस पद पर कौन आसीन होगा, यह सोनिया गांधी और प्रदेश प्रभारी तय करेंगे.
राजस्थान के सीएम पद को लेकर प्रियंका गांधी की क्या राय है?
सूत्रों के मुताबिक, अशोक गहलोत ने दोनों पदों पर बने रहने के लिए राहुल गांधी को मनाने की कोशिश की थी. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि यह संभव नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी भी सचिन पायलट को राजस्थान का सीएम बनाने के पक्ष में हैं. राहुल गांधी ने कोच्चि में यह स्पष्ट कर दिया कि उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के फैसले को अमल में लिया जाएगा.
सूत्र के मुताबिक, कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ राजस्थान में भी 21 दिन की होगी. राहुल गांधी चाहते हैं कि जब अक्टूबर-नवंबर में वह राजस्थान में पदयात्रा करें, उससे पहले सीएम पद के मुद्दे को सुलझा लिया जाए.
थरूर को क्यों मिल सकती है CWC बर्थ?
रिपोर्ट में सूत्र के हवाले यह भी कहा गया है कि शशि थरूर को पार्टी के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय कांग्रेस कार्यसमिति में बर्थ मिल सकती है. यह फैसला तब लिया गया जब तिरुवनंतपुरम के सांसद ने इस सप्ताह की शुरुआत में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी.
सूत्र के मुताबिक, थरूर ने हमेशा सुनिश्चित किया है कि जी23 में रहते हुए भी वह गांधी परिवार के साथ मधुर संबंध बनाए रखें. वहीं, गांधी परिवार को भी थरूर की क्षमता और उनके कांग्रेस छोड़ने पर पार्टी को होने वाले नुकसान के बारे में अंदाजा है. सूत्र के मुताबिक, कांग्रेस कार्यसमिति में एक बर्थ थरूर को अच्छे मूड में रखने के लिए पर्याप्त हैं.
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