ECI reached Jammu Kashmir assembly elections be held in Jammu and Kashmir soon क्या जम्मू-कश्मीर में जल्द होंगे विधानसभा चुनाव? मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ EC की टीम पहुंची श्रीनगर

Jammu Kashmir Vidhan Sabha Election: भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) का एक दल जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा करने और राजनीतिक दलों से प्रतिक्रिया लेने के लिए गुरुवार, 8 अगस्त को पहुंचा.  अधिकारियों ने बताया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में एक दल ‘शेर ए कश्मीर अंततराष्ट्रीय सभागार’ (एसकेआईसीसी) में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगा.

 जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने मंगलवार, 6 अगस्त को अलग-अलग राजनीतिक दलों को पत्र जारी कर उन्हें भारतीय निर्वाचन आयोग के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया था. राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग के साथ बैठक के लिए समय दिया गया है. 

विधानसभा चुनावों के तैयारियों की समीक्षा

अधिकारियों ने बताया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), भाजपा, कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी सहित अलग-अलग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि ईसीआई टीम से मिलने के लिए एसकेआईसीसी पहुंची है.  उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी के पोले सहित पुलिस और नागरिक प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी एसकेआईसीसी पहुंचे.  केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा 30 सितंबर को दी गई समय सीमा से कुछ सप्ताह पहले, निर्वाचन आयोग विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेगा.

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के साथ चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एस एस संधू भी हैं. आयोग सभी जिलों के चुनाव अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ-साथ मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ तैयारियों की समीक्षा भी करेगा. 

निर्वाचन आयोग के सदस्यों की तीन दिवसीय यात्रा का समापन 10 अगस्त को जम्मू में होगा, जहां वे प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. 

जल्द हो सकते हैं चुनाव, आयोग ने दिया आश्वासन!

प्रदेश के तीन दिन के दौरे के पहले दिन श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर कन्वेंशन सेंटर में प्रदेश की सभी राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठक के बाद राजनीतिक दलों के नेताओं ने चुनाव आयुक्त की तरफ से दिए गए आश्वासन का हवाला देते हुए बताया है कि उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव सुप्रीम कोर्ट की तय समय सीमा के अनुसार ही होंगे.

चुनाव आयोग से मिलने के बाद कांग्रेस नेता रविंद्र शर्मा ने कहा, “प्रदेश में चुनाव जल्दी होंगे ऐसे संकेत हमको चुनाव आयोग की तरफ से मिल गए है . आज की बैठक में हमने चुनाव आयोग के सामने सभी तथ्य रखे और जल्द से जल्द चुनाव करने की मांग रखी है.”

 नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के कश्मीर संभाग के प्रमुख नासिर असलम वाणी ने भी उम्मीद जताई कि चुनाव जल्दी होंगे और समय पर होंगे. नासिर ने कहा, “जम्मू – कश्मीर के सुरक्षा हालात का असर चुनावों पर नहीं पड़ना चाहिए और यहां इस से भी खराब हालात में चुनाव करवाए गए है. 1996 में जब वोट डालने के लिए भी कोई आगे नहीं आता था तब भी चुनाव हुए हैं.”  

वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता खुर्शीद आलम के अनुसार पार्टी ने चुनाव आयोग के सामने एक करोड़ पर्यटकों के आने, सुरक्षित लोकसभा चुनाव करवाए जाने और अमरनाथ यात्रा बिना किसी हिंसा के सम्पन होने का हवाला देते हुए जल्द से जल्द चुनाव तारीखों का एलान करने की बात कही है. 

भाजपा के कश्मीर प्रभारी सुरेंदर अम्बरदार ने कहा कि चुनाव आयोग से मिलकर उन्होंने जल्द ही चुनाव कराएं जाने की बात कही. अम्बरदार बोले, “हम ने चुनाव आयोग से कहा, चुनाव करवाने में बहुत देर हो चुकी है.”

कब हुआ था आखिरी विधानसभा चुनाव?

जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार विधानसभा चुनाव साल 2014 में हुआ था. इस चुनाव में किसी भी पार्टी के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं था. तब बीजेपी और पीडीपी ने गठबंधन कर सरकार बनाई थी. ये सरकार चार साल चली. जून 2018 में बीजेपी ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था और इसके बाद सरकार गिर गई. इसके बाद से वहां चुनाव नहीं हुए हैं. यानी पिछले 6 साल से जम्मू-कश्मीर में कोई भी निर्वाचित सरकार नहीं है. 

जम्मू-कश्मीर में इतने साल से क्यों नहीं हुए विधानसभा चुनाव?

साल 2019 में अप्रैल-मई में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने थे. तब तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए चुनाव न कराने की बात कही थी. इसके कुछ महीने बाद केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 निरस्त कर जम्मू और कश्मीर का स्पेशल स्टेटस वापस ले लिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था.

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड स्तर पर वोटिंग हुई थी. तब मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा था, ‘‘यह सक्रिय भागीदारी जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एक बहुत बड़ी सकारात्मक बात है ताकि केंद्र शासित प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया जारी रहे.”

कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कैसी है?

प्रदेश में सुरक्षित लोकसभा चुनाव, बगैर हिंसा के अमरनाथ यात्रा पूरे किए जाने के बाद सुरक्षा को लेकर भरोसा कायम हुआ है. हालांकि हाल ही में रियासी आतंकी हमला और उसके बाद कुछ और आतंकी हमलों लोगों का ध्यान खींचा जिससे प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ाने वाली खबर है. 

जम्मू और कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हाल के महीनों में केंद्र सरकार ने कई नई प्लान तैयार किए हैं. इसी साल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एरिया डॉमिनेशन प्लान और जीरो टेरर प्लान से मिली सफलताओं को दोहराने के निर्देश भी दिए थे.

ये भी पढ़ें:

Waqf Amendment Bill: ‘वक्फ बोर्ड पर माफिया का कब्जा’, संसद में किरेन रिजिजू ने बिल पेश करते हुए और क्या कहा?

Source link

By jaghit