Water Crisis In Delhi: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने यमुना में लगातार पानी का जलस्तर गिरने के मद्देनजर मंगलवार (07 मार्च) को वजीराबाद WTP का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यमुना के जलस्तर में बहुत ज्यादा कमी आई है. जो हालात यमुना के नजर आ रहे हैं, ऐसे हालात आमतौर पर अप्रैल और मई के महीने में नजर आते हैं. इसको लेकर उन्होंने हरियाणा सरकार पर भी आरोप लगाया कि खट्टर सरकार के नाक के नीचे यमुना में अवैध खनन हो रहा है.
उन्होंने बताया कि इस बार अचानक से वजीराबाद बैराज के पास यमुना का जलस्तर फरवरी के महीने में ही घटकर 671.7 फीट रह गया है. इसका सामान्य स्तर 674.5 फीट रहना चाहिए. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यहां पर यमुना के मौजूदा जल स्तर 671.7 फीट में से 671 फीट तक सिल्ट है, जबकि यमुना की गहराई घटकर सिर्फ 0.7 फीट रह गई है. साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए यमुना से कच्चा पानी लेने के लिए यमुना की गहराई कम से कम 3.5 फीट रहनी चाहिए. उन्होंने बताया कि यहां पर यमुना का जो पानी दिख रहा है वो दरअसल यमुना का पानी नहीं बल्कि हरियाणा की तरफ से छोड़ा गया इंडस्ट्रियल वेस्ट है जिसको ट्रीट नहीं किया जा सकता.
‘हरियाणा में हो रहा अवैध खनन’
सौरभ भारद्वाज ने कहा, “यमुना के जल स्तर में कमी आने की वजह गर्मी नहीं बल्कि हरियाणा क्षेत्र में नदी में धड़ल्ले से किया जा रहा अवैध रेत खनन है. दिल्ली के लिए छोड़े गए यमुना के पानी को रेत माफिया ने हरियाणा के यमुना नगर से लेकर 7- 8 किलोमीटर के एरिया में रोक दिया है. रेत माफिया यहां यमुना नदी में धड़ल्ले से अवैध रेत खनन कर रहा है. एक खनन के लिए रेत माफियाओं ने यमुना नदी के बीचो-बीच कई जगह ट्रकों की आवाजाही के लिए अस्थाई पुल बना लिए हैं साथ ही जगह-जगह पर रेत निकाल निकाल कर बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए गए हैं, जिसकी वजह से दिल्ली की तरफ आने वाला यमुना का पानी पर्याप्त मात्रा में दिल्ली तक नहीं पहुंच पा रहा है.”
इंडस्ट्रियल वेस्ट का पानी दिल्ली में
निरीक्षण के दौरान सौरभ भारद्वाज ने बताया कि वजीराबाद बैराज के पास इस वक्त यमुना का जो पानी दिख रहा है, वह यमुना का पानी नहीं बल्कि हरियाणा की तरफ से छोड़ा जा रहा इंडस्ट्रियल वेस्ट है. गूगल मैप में दिख रहा है कि यमुना में पानी नहीं है, जो पानी दिल्ली पहुंच रहा है वह दो नालों से आ रहा है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि DD2 और DD8 ड्रेन के जरिये हरियाणा की तरफ से लगातार यमुना में इंडस्ट्रियल वेस्ट छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि हरियाणा की तरफ से पहले भी इंडस्ट्रियल वेस्ट छोड़ा जाता था, लेकिन यमुना में पानी की पर्याप्त मात्रा होने की वजह से पानी को ट्रीट किया जा सकता था, लेकिन अब ऐसा करना संभव नहीं है.
वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट बुरी तरह से प्रभावित
यमुना में पानी का जलस्तर घटने और अमोनिया की मात्रा बढ़ने से यमुना के पानी पर निर्भर रहने वाले दिल्ली के दो बड़े ट्रीटमेंट प्लांट वजीराबाद और चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. दिल्ली में पानी की आपूर्ति करने के लिए वजीराबाद प्लांट प्रतिदिन 131 MGD पानी का उत्पादन करता है, जबकि यमुना में आई पानी की इस कमी के चलते यह प्लांट केवल 82.69 MGD पानी का उत्पादन कर पा रहा है. इसी तरह से चंद्रावल प्लांट प्रतिदिन 100 MGD पानी का उत्पादन करता, लेकिन यहां भी यह उत्पादन घटकर मात्र 78 MGD रह गया है.
लुटियन जोन में पानी की हो सकती है किल्लत
यमुना के जलस्तर में आई गिरावट की वजह से दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का उत्पादन काफी कम हो गया है. पानी के उत्पादन में आई कमी का असर दिल्ली की जलापूर्ति पर साफ-साफ नजर आ रहा है. दिल्ली के कई इलाकों में अभी से पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है और लोगों को बड़े जल संकट का सामना करना पड़ रहा है. सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस जल संकट का असर दिल्ली के लुटियन जोन में भी पड़ सकता है, जिसकी वजह से केंद्र सरकार के दफ्तर, राष्ट्रपति भवन, उपराज्यपाल कार्यालय और दिल्ली के मुख्यमंत्री के कार्यालय में भी जल आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना है.
दिल्ली के ये एरिया भी हो सकते हैं प्रभावित
प्लांट से जिस एरिया में पानी की आपूर्ति की जाती है उसमें यूनिवर्सिटी, विजयनगर, तिमारपुर, ओल्ड सेक्रेटेरिएट, सिविल लाइन, नया बाजार, लाहौरी गेट, पीली कोठी, बर्फखाना, मलका गंज, झंडेवालान, पटपड़गंज, मोतिया खान, डब्ल्यूए, पूसा रोड, राजेंद्र नगर, करोल बाग, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, प्रेसिडेंट हाउस, संसद, इंडिया गेट, विज्ञान भवन जनपथ, रकाबगंज, नॉर्थ एवेन्यू, एनडीएमसी का एरिया, ईस्ट पटेल नगर, बाबा फरीदपुर, न्यू राजेंद्र नगर, डबल स्टोरी, साउथ पटेल नगर, कंटेनमेंट इलाका, आरके पुरम, वसंत विहार, अकबर रोड, सरोजिनी नगर आदि बहुत से एरिया है, जहां पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी.
वहीं, वजीराबाद प्लांट से जो एरिया प्रवाहित रहेगा, उसमें मोदी कॉलोनी, डिफेंस कॉलोनी, मजनू का टीला, मूलचंद अस्पताल, सुंदरनगर, राजघाट, सुभाष पार्क, रामलीला ग्राउंड, दिल्ली गेट, दरियागंज, आईएसबीटी, तिमारपुर, गुलाबी बाग, भारत नगर, पंजाबी बाग, मुखर्जी नगर, हडसन लेन, मॉडल टाउन, आजादपुर मंडी, जहांगीरपुरी, शालीमार बाग, लारेंस रोड, वजीराबाद, बुराड़ी, गोपालपुरी आदि इलाकों में पानी आपूर्ति प्रभावित रहेगी.
ये भी पढ़ें: Delhi Water Supply: इस साल दिल्ली में बढ़ जाएगी पीने के पानी की मांग, गर्मी की अवधि होगी लंबी- IMD