North Korea Fires Ballistic Missiles: उत्तर कोरिया पूरी दुनिया में ऐसा देश है, जो शायद ही किसी भी तरह के प्रतिबंधों से कभी डरा हो. वह अपने परमाणु परीक्षणों के कार्यक्रमों को बेलाग -बेलौस करता रहा है. उसे न तो अमेरिका की परवाह है और न ही दुनिया से कटने की. ये देश अपने तानाशाह किम जोंग उन की अगुवाई में इतनी मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है कि उनकी गिनती करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है.
हाल ही में तानाशाह उन ने एलान किया था कि अगर उसे ताउम्र भी प्रतिबंध झेलने पड़े तो वह उसके लिए तैयार है, लेकिन वह अपने परीक्षणों पर लगाम नहीं लगाएगा. इसका एक और सबूत सितंबर के आखिरी हफ्ते में ही देखने को मिला है. 24 से लेकर 28 सितंबर के बीच इस देश ने तीन मिसाइलों का परीक्षण कर डाला है.
बुधवार 28 सितंबर का परीक्षण तो जैसे अमेरिका को चेतावनी हो. ये परीक्षण उसने अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Vice President Kamala Harris) के दोनों कोरिया को अलग करने वाले डीएमजोन (Demilitarised Zone) दौरे से एक दिन पहले ही किया है.
नॉर्थ कोरिया का डेयरिंग मिसाइल टेस्ट
दक्षिण कोरिया की सेना के मुताबिक उत्तर कोरिया ने अपना आखिरी मिसाइल परीक्षण 24 सितंबर शनिवार को किया था. इसके कुछ दिनों बाद ही अपने पूर्वी तट से दो बैलिस्टिक मिसाइलें बुधवार 28 सितंबर को दागीं. ये मिसाइलें उसने अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस के सोल दौरे से एक दिन पहले ही दागी हैं.
दक्षिण कोरिया की सेना ने बुधवार को कहा, “उत्तर कोरिया ने प्योंगयांग के सुनन (Sunan) इलाके से पूर्वी तट की तरफ दो शॉर्ट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों दागी हैं.” ये मिसाइलें 10 मिनट के अंतर पर स्थानीय समय के मुताबिक 18:10 (09:10 GMT) और 18:20 (09:20 GMT) पर लॉन्च किया की गईं. ये मिसाइलें 360 किलोमीटर तक उड़ान भरकर 30 किलोमीटर तक की ऊंचाई तक गईं. इनका अधिकतम वेग 7,450 किमी प्रति घंटा रहा था.
पड़ोसी देश हुए सतर्क
उत्तर कोरिया के इस परीक्षण से उसके नजदीकी देश सतर्क हो गए हैं. सोल सेना चीफ ( Joint Chiefs of Staff) ने एक बयान में कहा, “हमारी सेना ने निगरानी और चौकसी बढ़ा दी है और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हम घनिष्ठ समन्वय में बेहद तत्परता बरत रहे हैं.” अमेरिका और दक्षिण कोरिया वर्तमान में उत्तर कोरिया के खिलाफ ताकत दिखाने के लिए पूर्वी तट पर सैन्य अभ्यास कर रहे हैं. इन देशों का परमाणु शक्ति से चलने वाले विमानवाहक पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन (USS Ronald Reagan) के साथ चार दिवसीय संयुक्त अभ्यास सोमवार से शुरू हो गया.
Sailors and aircraft aboard the @USNavy‘s only forward-deployed aircraft carrier, @Gipper_76 in waters east of the #Koreanpeninsula, Sept. 28.#FreeandOpenIndoPacific pic.twitter.com/FoliZWeL7X
— 7th Fleet (@US7thFleet) September 29, 2022
जापान भी चिंता में
उधर जापान के तट रक्षक बल ने अपने रक्षा मंत्रालय का हवाला देते हुए संभावित मिसाइल परीक्षण के बारे में पहले ही जानकारी दी थी. उसने इस इलाके में जहाजों को अलर्ट रहने को कहा था. जापान के रक्षा मंत्री तोशीरो इनो (Toshiro Ino) ने उत्तर कोरिया के इस कदम को अमान्य करार दिया है. उन्होंने कहा, “उत्तर कोरिया के इस तरह के परीक्षणों की सीरीज जिसमें बार-बार बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च शामिल हैं वो इस इलाके, जापान और अंतरराष्ट्रीय समाज की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है.”
अमेरिका भी सहमा
ये मिसाइल परीक्षण प्योंगयांग (Pyongyang) में गुरुवार (29 सितंबर) को अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की दक्षिण कोरिया यात्रा से पहले किया गया है. हैरिस अन्य सीनियर अधिकारियों के साथ यहां दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक योल (Yoon Suk Yeol) के साथ बातचीत करने के साथ ही दोनों कोरिया को बांटने वाले भारी सुरक्षा वाले विसैन्यीकृत क्षेत्र -डीएमजेड (Demilitarized Zone -DMZ) के दौरे के लिए पहुंचीं थीं.
प्योंगयांग के बैलेस्टिक लॉन्च के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “हम डीपीआरके के लिए एक कूटनीतिक रवैया रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम डीपीआरके से बातचीत में शामिल होने के रास्ते खुले रखते हैं.” दरअसल डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (Democratic People’s Republic of Korea-DPRK) उत्तर कोरिया का औपचारिक नाम है. हालांकि यूएस की यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड (US Indo-Pacific Command) ने कहा कि मिसाइलों का लॉन्च किया जाना अमेरिकी कर्मचारियों या इलाके के लिए तुरंत खतरा पैदा नहीं करता है.
बीते हफ्ते ही किया था एक परीक्षण
दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि 24 सितंबर को प्योंगयांग ने अपने पूर्वी समुद्र में एक अज्ञात बैलिस्टिक मिसाइल दागी है. यह परीक्षण कोरिया ने उस वक्त किया जब एक अमेरिकी विमानवाहक पोत संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए दक्षिण कोरिया पहुंचा था. दक्षिण कोरियाई अधिकारियों के प्योंगयांग के पनडुब्बियों से दागी जाने वाली मिसाइल का परीक्षण करने की तैयारी के संकेत मिलने की बात इस परीक्षण से एक दिन पहले ही कही थी.
जापान ने भी उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण की पुष्टि की थी. जापान ने कहा था कि यह मिसाइल 50 किलोमीटर की अधिकतम ऊंचाई पर पहुंची. जापान के रक्षा मंत्री यासुकाज़ु हमादा (Yasukazu Hamada) ने कहा कि मिसाइल जापान के विशेष आर्थिक जोन के बाहर गिरी थी. तब हमादा ने कहा, “उत्तर कोरिया की ये कार्रवाई हमारे देश, क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है और ऐसा करना माफी के काबिल नहीं है.”
एक साल में 30 से अधिक मिसाइल परीक्षण
उत्तर कोरिया ने इस साल 30 से अधिक मिसाइल परीक्षण किए हैं. देश के शासक किम जोंग उन ने इसी महीने अपनी संसद में कहा था कि वह अपने परमाणु हथियारों और मिसाइलों को कभी नहीं छोड़ेंगे. तानाशाह किम जोंग उन ने कहा कि अपने दुश्मन अमेरिका से लड़ने के लिए उनके देश को इसकी जरूरत है. इस साल जून में प्योंगयांग के इन मिसाइल परीक्षणों की बौछारों ने ही अमेरिका और दक्षिण कोरिया को इसका जवाब अपने खुद के परीक्षणों से देने के लिए उकसाया था.
5 साल बाद अमेरिका के पोत
साल 2017 के बाद पहली बार दक्षिण कोरिया में अमेरिकी विमानवाहक पोत पहुंचे हैं. उत्तर कोरिया के ये नए परीक्षण अमेरिकी परमाणु युक्त विमानवाहक पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन और उसके हमला करने वाले ग्रुप के दक्षिण कोरिया में संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए पहुंचने के जवाब देते लग रहे हैं. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक योल ने किम जोंग उन के साथ सख्त होने के लिए संयुक्त सैन्य अभियानों की राह पर चलने की कसम खाई है, इसलिए उन्होंने अमेरिका के साथ सोल के संयुक्त अभ्यास को तेज कर दिया है.
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