Corona Virus Most Covid 19 Deaths Were Caused By Some Another Infections Reveals In New Analysis

Corona Period: भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस का असर अभी दिख रहा है. मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. रिसर्च करने वाले अभी भी इस चीज का अध्ययन कर रहे हैं कि SARS-CoV-2 शरीर को कैसे प्रभावित करता है? फिलहाल, एक नई एनालिसिस में पता चला है कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान जो लोग वेंटिलेटर पर थे उन लोगों को सेकेंडरी बैक्टेरियल इंफेक्शन रहा होगा जो उनकी मौत का कारण बन सकता था.

गौरतलब है कि उस दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में फेफड़े (निमोनिया) का सेंकेंडरी बैक्टेरियल इंफेक्शन आम बात थी, इन लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती थी. सेकेंडरी बैक्टीरियल निमोनिया का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया. ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक रूप है. इसको लेकर नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन की टीम ने जर्नल ऑफ क्लिनिकल इन्वेस्टिगेशन में निष्कर्ष प्रकाशित किए हैं.

क्या कहा गया है इन्वेस्टिगेशन में?

इन्वेस्टिगेशन में कहा गया, “हमने गंभीर निमोनिया वाले मरीजों की मृत्यु दर के लिए वेंटिलेटर से जुड़े निमोनिया (वीएपी) के असफल उपचार के योगदान को निर्धारित करने का टारगेट रखा है.” इसके साथ ही डॉक्टर्स ने ये भी पाया है कि कोविड- 19 में साइटोकिन स्टॉर्म को मौत कारण माना जाता है, लेकिन ऐसा है नहीं. साइटोकिन स्टॉर्म का मतलब है हद से ज्यादा सूजन जो फेफड़े, गुर्दे और मस्तिष्क को प्रभावित करने वाले अंगों की विफलता को बढ़ता है.”

एक सीनियर ऑथर बेंजामिन सिंगर ने अपने बयान में कहा है, “हमारी रिसर्च कोविड-19 सहित गंभीर निमोनिया के पीड़ित रोगियों में सेकेंडरी बैक्टीरियल निमोनिया को रोकने, खोजने और इसका इलाज करने के महत्व पर प्रकाश डालती है.”

टीम ने 585 मरीजों का किया विश्लेषण

रिसर्च टीम ने नॉर्थवेस्ट मेमोरियल हॉस्पिटल के आईसीयू में 585 रोगियों को रखकर विश्लेषण किया है. इन मरीजों को सीरियस निमोनिया और सांस लेने में गंभीर परेशानी थी. इनमें से 190 मरीजों का कोविड टेस्ट पॉजिटिव था. टीम ने कार्पेडियम नाम की एक नई मशीन लर्निंग दृष्टिकोण को विकसित किया.

बेंजामिन सिंगर ने कहा, “जो लोग सेकेंडरी निमोनिया से ठीक हो गए उनके जीवित रहने की संभावना थी, लेकिन जिनके निमोनिया का समाधान नहीं हुआ उनके मरने की संभावना ज्यादा थी. हमारे डेटा ने सुझाव दिया कि वायरस से संबंधित मुत्यु दर अपेक्षाकृत कम है.”

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By jaghit