chandipura virus know the symptoms treatment prevention

Byjaghit

Jul 19, 2024 , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , ,
chandipura virus know the symptoms treatment prevention Chandipura virus: चांदीपुरा वायरस से ऐसे कर सकते हैं बचाव, ये लक्षण दिखते ही हो जाएं सावधान

गुजरात में चांदीपुरा वायरल इंसेफेलाइटिस (CHPV) वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है. जिसमें अहमदाबाद शहर में हुए दो मौतें भी शामिल हैं. इसके अलावा CHPV के लक्षण दिखाने वाले 35 लोगों को अलग-अलग जिलों के सिविल अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने इस वायरस से प्रभावित क्षेत्रों में इसकी रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया है.

वहीं दूसरी तरफ 50,000 से अधिक व्यक्तियों की जांच की गई है. और सभी जिला और ग्रामीण अस्पतालों को संदिग्ध मामलों के नमूने आगे की जांच के लिए NIV को भेजने का निर्देश दिया गया है. स्वास्थ्य अधिकारियों  के मुताबिक आने वाले दिनों में इसके केसेस और भी ज्यादा बढ़ सकते हैं.

इससे पहले भी चांदीपुरा वायरल कर चुका है हमला

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब चांदीपुरा वायरस ने भारत में इस तरह से बढ़ रहा है इससे पहले भी महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश सहित मध्य भारत के कुछ हिस्सों में प्रकोप हुआ था, जिसके कारण 300 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. आइए आपको चांदीपुरा वायरल इंसेफेलाइटिस (CHPV) के बारे विस्तार से बताएं. 

कैसे होती है ये बीमारी

यह वायरस मादा फ्लेबोटोमाइन सैंडफ्लाई के द्वारा फैलने से होता है. जो मानसून के मौसम के शुरुआती दिनों में बढ़ता है.यह सर्जेन्टोमिया सैंडफ्लाई वायरस के प्रसार में अहम भूमिका निभाता है. जिसमें एडीज एजिप्टी अत्यधिक संवेदनशील और प्रयोगशाला स्थितियों में प्रभावी है.

चांदीपुरा संक्रमण से एन्सेफलाइटिस होता है. जो दिमाग के सेल्स की सूजन को बढ़ाता है. हालांकि, मच्छरों से अलग कुछ खास लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं. 

चांदीपुरा वायरस के बचाव और लक्षण

चांदीपुरा वायरस में मरीज को फ्लू जैसे लक्षणों के साथ तेज बुखार, उल्टी, दिमाग में सूजन (ए्नसेफेलाइटिस) दौरे आ सकते हैं. तेजी से बढ़ने पर इससे दिमाग में सूजन हो सकती है, जिससे अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो कोमा या मौत हो सकती है. इस वायरस से बचाव के लिए मच्छरों जैसे कीड़ों को दूर रखना जरूरी है.

इसके लिए मक्खी-मच्छर पनपने वाली जगहों पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें. इसके अलावा आसपास साफ-सफाई रखने और गंदगी जमा ना होने दें. कूड़े के सही निपटान और उसे खुले में ना रखने का ध्यान रखें. शौचालय का इस्तेमाल करें और खुले में शौच ना जाएं.

यह वायरस 15 साल से कम उम्र वाले बच्चों को अपना शिकार बनाती है. खासकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों की हालत तेज़ी से बिगड़ती है, अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटों के भीतर उनकी मृत्यु हो जाती है. शुरुआती कुछ लक्षण अचानक बुखार आना, उल्टी, मानसिक स्थिति में बदलान, दौरे, दस्त, बोलने में दिक्कत, ठीक से दिखाई न देना, सिरदर्द, गर्दन में अकड़न जैसे लक्षण शामिल है. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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