CDS In India Retired Lt Gen Anil Chauhan To Take Charge As New CDS On Friday

CDS Of India: लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (Retired) शुक्रवार को देश के नए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) के रूप में कार्यभार ग्रहण करेंगे. इसी के साथ तीनों सेनाओं के बीच तालमेल सुनिश्चित करने के लिए सेना को थियेटर कमांड के रूप में पुनर्गठित करने के अभियान पर फिर से ध्यान केंद्रित होने के आसार हैं. सम्मानित सैन्य अधिकारी 61 वर्षीय चौहान रक्षा विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे. पिछले साल पूर्वी सेना कमांडर के रूप में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में सैन्य सलाहकार के रूप में कार्यरत थे.

लेफ्टिनेंट जनरल चौहान (सेवानिवृत्त) भारत के दूसरे सीडीएस के रूप में कार्यभार संभालने के बाद चार सितारा रैंक के जनरल का पद ग्रहण करेंगे. वह देश के पहले सेवानिवृत्त तीन सितारा रैंक के अधिकारी होंगे जो चार सितारा रैंक के अधिकारी के रूप में सेवा में वापसी करेंगे. वह 2019 में बालाकोट हवाई हमलों के दौरान सेना के सैन्य अभियान (DGMO) के महानिदेशक थे, जब भारतीय लड़ाकू विमानों ने पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान के अंदर जा कर जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-E-Mohammad) के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को तबाह कर दिया था.

चौहान को बुधवार को नया सीडीएस नियुक्त किया गया था

सरकार ने बुधवार को चौहान को सीडीएस नियुक्त करने का ऐलान किया था. हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) के निधन के बाद से यह पद नौ महीने से अधिक समय से रिक्त था. लेफ्टिनेंट चौहान (सेवानृवित्त) उसी 11 गोरखा राइफल्स से हैं जिससे दिवंगत जनरल रावत थे. अधिकारियों ने कहा कि वह प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के रूप में शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण करेंगे.

पिछले साल मई में हुए हैं सेवानिवृत्त

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान का जन्म 18 मई 1961 को हुआ और उन्हें 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन प्रदान किया गया था. लगभग 40 वर्षों से अधिक के अपने करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कई कमान, स्टॉफ और महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है तथा उन्हें जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव हैं. लेफ्टिनेंट जनरल चौहान पिछले साल मई में सेवानिवृत्त हुए थे. उस समय वह पूर्वी सेना कमांडर के रूप में कार्यरत थे.

पूर्वी सेना कमांडर के रूप में, उन्होंने अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ भारत की समग्र युद्ध तैयारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं. मेजर जनरल के रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी.

कई महत्वपूर्ण पदों को संभाला है नए सीडीएस चौहान ने

एक जनवरी, 2020 को जनरल रावत ने सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के कामकाज में एकरूपता लाने और देश के समग्र सैन्य कौशल को बढ़ाने के लिए भारत के पहले सीडीएस के रूप में कार्यभार संभाला था.रावत का एक अन्य प्रमुख उद्देश्य सैन्य कमानों के पुनर्गठन की सुविधा प्रदान करना था जिसके तहत थिएटर कमांड की स्थापना शामिल है.

बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, चौहान ने पूर्वोत्तर में एक कोर की कमान संभाली और सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने तथा मई 2021 में सेवानिवृत्ति तक यह पदभार संभाला. इन कमान नियुक्तियों के अलावा वह महानिदेशक, सैन्य अभियान के प्रभार समेत महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे. इससे पहले उन्होंने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया. सेवानिवृत्त होने के बाद भी, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा.

विशिष्ट पदकों से किए गए हैं सम्मानित

सेना में विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है.

बता दें कि पिछले साल आठ दिसंबर को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई थी और तब से ही सीडीएस का पद रिक्त था.

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By jaghit

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