Bilkis Bano Convict Chimanlal: बिलकिस बानो (Bilkis Bano) के सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा पाने वाले 11 दोषियों की रिहाई का कारण गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बताया. गुजरात सरकार के हफलनामे का अब तेजी से विरोध होता दिख रहा है. हर तरफ गुजरात सरकार के फैसले की आलोचना हो रही है.
‘अच्छे व्यवहार के कारण दी गई रिहाई’
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के हलफनामे में दाखिल जवाब को ‘बोझिल’ बताया था. राज्य सरकार ने कोर्ट में यह बात कही थी 11 दोषियों को उनके ‘अच्छ व्यवहार’ के कारण भी रिहाई दी गई है. हालांकि, उन्हीं दोषियों में से एक, मितेश चिमनलाल भट्ट पर जून, 2020 में पैरोल पर आने के बाद एक महिला के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप भी लगा था. वह मामला अब भी कोर्ट में लंबित है.
चिमनलाल पर लगा था छेड़छाड़ का आरोप
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कार्यालय पुलिस अधीक्षक (दाहोद) ने जिलाधिकारी को सूचित किया था कि उक्त आवेदक/अभियुक्त बंदी संख्या 26143-मितेश चिमनलाल भट्ट के खिलाफ रणधीकपुर पुलिस स्टेशन में अपराध दर्ज किया गया है. रेप के दोषी चिमनलाल पर इस बार आईपीसी की धारा 354, 504, 506 (2) के तहत केस दर्ज किया गया था.
हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस साल अगस्त में बिलकिस बानो मामले में चिमनलाल भट्ट समेत 11 दोषियों की जल्द रिहाई को मंजूरी दे दी. इसी को लेकर अब विवाद गहराता जा रहा है. दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिकाकर्ताओं में से एक टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रियों अमित शाह और प्रल्हाद जोशी से ‘अच्छे व्यवहार’ को परिभाषित करने के लिए कहा है.
‘बेटी को मोलेस्ट करना भी आपके लिए अच्छा व्यवहार’
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “बिलकिस के दोषी मितेश भट्ट ने 2020 में पैरोल पर महिला से छेड़छाड़ की, मुकदमा लंबित यू / 354 आईपीसी. इस आदमी को भी तुमने रिहा कर दिया. अच्छे दिन. अच्छे लोग. बेटी को मोलेस्ट करना भी आपके लिए “अच्छा व्यवहार.”
‘गुड बिहेवियर सर्टिफिकेट धारक व्यक्ति’
केंद्र के फैसले पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक ट्वीट में कहा, “जितना अधिक आप एक महिला के साथ बुरा व्यवहार करते हैं, आप उतने ही बेहतर इंसान बनते हैं, यह भारत सरकार की नई रणनीति लगती है.” उन्होंने आगे लिखा, “यह गृह मंत्रालय का गुड बिहेवियर सर्टिफिकेट धारक व्यक्ति है.”
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