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Bastar Health Department: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में कोविड टीकाकरण अभियान के लक्ष्य को पूरा करने में भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. बिना वैक्सीन लगाए ही लोगों के पास वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी की गई. स्वास्थ विभाग के द्वारा यह गलती किसी एक व्यक्ति के साथ नहीं बल्कि बस्तर जिले में सैकड़ों लोगों के साथ की जा रही है, जिससे वैक्सीनेशन सेंटरों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. लोग वैक्सीनेशन रिपोर्ट में हो रही गड़बड़ी से परेशान हैं. हालांकि यह सिस्टम की विफलता है या फिर स्टॉफ की गलती, यह जांच का विषय है. वहीं इस गड़बड़ी को लेकर सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले आंकड़ों पर भी उंगली उठनी शुरू हो गई है.
स्वास्थ विभाग के पास लगातार आ रही शिकायतें
बस्तर जिले में 400 से ज्यादा ऐसे लोग हैं जिन्हें बिना वैक्सीन लगे ही उनके पास वेक्सिनेशन डोन का मैसेज आ गया. इनमें कुछ जनप्रतिनिधि, शहर की महिलाएं, युवाओं के साथ शहर के वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं. इन लोगों के पास बिना वैक्सीन लगाए सिर्फ मैसेज ही नहीं बल्कि बकायदा सर्टिफिकेट भी जारी हो रहे हैं. जगदलपुर शहर के रहने वाले चंदन वैष्णव ने बताया कि उन्होंने अपना पहला और दूसरा डोज तो लगवा लिया था पर किसी कारणवश बूस्टर डोज नहीं लगवा पाये.
दो दिन पहले उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि आपका कोविड टीकाकरण हो चुका है. जब चंदन ने कोविन पोर्टल पर इसे चेक किया तो उनके टीकाकरण का सर्टिफिकेट भी जनरेट हो चुका था. जिसमें लिखा है कि उन्होंने शहर के बस्तर ब्लॉक के तीरथा ग्राम के CHC सेंटर में जाकर बूस्टर डोज लगवाया लिया. जबकि किसी प्रकार का टीका उन्होंने अभी तक लगवाया ही नहीं.
पोर्टल में गड़बड़ी की बात कही जा रही
इसके अलावा शहर के ही रमैया वार्ड में रहने वाली एक महिला रश्मि ने बताया कि उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि उन्होंने कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई. इसके बाद सर्टिफिकेट भी जनरेट हो गया. उनके पास जो जानकारी आई उसके अनुसार उन्हें वैक्सीन बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स स्थित सेंटर में लगा. जबकि उन्होंने यह वैक्सीन लगाया ही नहीं है. इस गड़बड़ी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसी ही शिकायत उनके पास भी पहुंच रही है और शिकायतों के बाद समस्या के समाधान के निर्देश जारी किए गए हैं. स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को आशंका है कि गलतियां पोर्टल में आई तकनीकी दिक्कतों के कारण हो रही है.
अब सवाल यह उठता है कि जिनके पास इस तरह के मैसेज आ रहे हैं, वे समझ नहीं पा रहे हैं कि सेंटरों में पहले तो वेक्सिनेशन करवाने आए व्यक्ति की डिटेल रजिस्टर में मैनुअल फीड किया जाता है. फिर इसके आधार पर जिले का डाटा वेबसाइट पर अपडेट किया जाता है, जब पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है, फिर भी इस तरह की गलती स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों और पोर्टल बनाने वाले लोगों पर सवाल खड़े कर रहे है. फिलहाल बस्तर वासियों ने इस तरह की भारी गड़बड़ी को लेकर जल्द ही सुधार करने की मांग स्वास्थ विभाग के अधिकारियों से की है.
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