Atiq Ahmed Killed: भारी सुरक्षा घेरे के बीच माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार (15 अप्रैल) की रात करीब 10 बजे हत्या कर दी गई. दोनों की हत्या उस वक्त हुई जब पुलिस ने लंबी पूछताछ के बाद प्रयागराज के अस्तपाल लाए थे. मीडियाकर्मी दोनों से सवाल कर रहे थे, तभी तीन हमलावरों ने नजदीक से सिर में गोली मार दी. पूरी वारदात कैमरे में कैद हो चुकी है.
अतीक अहमद की हत्या ऐसे समय में हुई है जब शनिवार को ही उनके बेटे असद और उसके दोस्त गुलाम का अंतिम संस्कार किया गया है. दोनों को यूपी एसटीएफ ने गुरुवार (13 अप्रैल) को एनकाउंटर में मार गिराया था. दोनों की उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस को तलाश थी.
अतीक अहमद की हत्या के बाद सनसनी फैल गई. लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाई लेवल बैठक की. बैठक में पूरे यूपी में धारा 144 लागू करने का निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. रातभर यूपी के संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त करती दिखी.
दोनों नेताओं की हत्या पर विपक्षी दलों ने कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं. पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि यूपी में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है. जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसीकी हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या. इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं.
वहीं एआईएमआईएम के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अतीक और उनके भाई पुलिस की हिरासत में थे. उन पर हथकड़ियां लगी हुई थीं. JSR के नारे भी लगाये गये. दोनों की हत्या योगी के क़ानून व्यवस्था की नाकामी है. एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के ज़िम्मेदार हैं. जिस समाज में हत्यारे हीरो होते हैं, उस समाज में कोर्ट और इंसाफ़ के सिस्टम का क्या काम?