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Armenia Azerbaijan Conflict: एक तरफ दुनिया यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध (Ukraine Russia War) देख रही है, दूसरी तरफ अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच भी जंग छिड़ चुकी है. आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान (PM Nokil Pashinyan) ने बताया कि अजरबैजान सीमा संघर्ष में कम से कम 49 आर्मीनियाई सैनिक मारे गए.
समाचार एजेंसी इंटरफैक्स की रिपोर्ट के अनुसार, निकोल पशिनयान ने संसद में कहा कि अजरबैजानी बलों ने लगभग आधा दर्जन बिंदुओं पर हमला किया. बता दें कि अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच नागोर्नो-कराबाख को लेकर दशकों से संघर्ष चल रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अजरबैजान से रात भर शुरू हुई भारी गोलाबारी के बाद लड़ाई की तीव्रता कम हो गई थी. इससे पहले, मंगलवार को आर्मीनिया ने विश्व नेताओं से मदद की अपील करते हुए कहा था कि अजरबैजान की सेनाएं अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने की कोशिश कर रही हैं. वहीं अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसकी सेना आर्मीनियाई उकसावे का जवाब दे रही थी और इस दावे से इनकार किया कि वे नागरिक बुनियादी ढांचे को नष्ट कर रहे थे.
2020 में 6,500 लोगों की मौत हुई थी
2020 में छह सप्ताह की लड़ाई ने 6,500 से अधिक लोगों की जान ले ली. इस युद्ध को रूस ने समाप्त करवाया. समझौते के तहत, आर्मीनिया ने दशकों से अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र को सौंप दिया और मॉस्को ने नाजुक संघर्ष की देखरेख के लिए लगभग 2,000 रूसी शांति सैनिकों को तैनात किया.
गौरतलब है कि नागोर्नो-कराबाख में जातीय अर्मीनियाई अलगाववादी पहली बार अजरबैजान से अलग हो गए, जब 1991 में सोवियत संघ का पतन हुआ. आगामी संघर्ष ने लगभग 30,000 लोगों की जान ले ली.
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