Maharashtra Politics: गुजरात के वडोदरा में 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सी-295 डिफेंस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट का भूमि पूजन करेंगे. 22 हजार करोड़ का ये प्रोजेक्ट गुजरात के चुनाव से पहले केंद्र सरकार की ओर से एक बड़ा गिफ्ट माना जा रहा है, लेकिन इस प्रोजेक्ट के गुजरात जाने से पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है. शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने एअरबस का प्रोजेक्ट गुजरात जाने के ऐलान के बाद महाराष्ट्र की शिंदे फडणवीस सरकार को घेरा है.
उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले जब वेदांता-फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट महाराष्ट्र की जगह गुजरात गया उसी वक्त शिंदे सरकार को आगाह किया था. एअरबस का यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र में लाने के लिए सरकार प्रयास करे. सरकार ने तब हवा हवाई बातें की, लेकिन हकीकत में इसके लिए कोई कदम नहीं उठाया. आज वेदांता फॉक्सकॉन के बाद 22 हजार करोड़ रुपये का एअरबस का प्रोजेक्ट भी महाराष्ट्र के हाथ से निकल गया.
नागपुर में प्रस्तावित था प्रोजेक्ट
वेदांता फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट के विवाद के बाद महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने जानकारी देते हुए कहा था कि 22 हजार करोड़ रुपये का एअरबस प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के नागपुर में प्रस्तावित है. इस प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र में लाने के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है. वेदांता फॉक्सकॉन विवाद के बाद उनका यह बयान अब उनके गले की हड्डी बन गया है.
‘लगाए निराधार आरोप’
एअरबस प्रोजेक्ट के गुजरात जाने के बाद महाराष्ट्र की सियासत में शुरू हुए आरोप-प्रत्यारोप के बीच बीजेपी प्रवक्ता और विधायक राम कदम ने कहा कि महाराष्ट्र विकास आघाडी अपनी सरकार की विफलता छुपाने के लिए निराधार आरोप लगाकर शिंदे फडणवीस सरकार को बदनाम करने का काम कर रही है.
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एमएलए राम कदम ने कहा कि इंसान झूठ बोल सकते हैं, लेकिन दस्तावेज झूठ नहीं बोलते. एअरबस प्रोजेक्ट का एमओयू 24 सितंबर 2021 को हुआ है. उन्होंने शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) से सवाल किया कि 24 सितंबर से 30 जून तक महाविकास आघाडी की सरकार थी. इस दौरान उन्होंने इस एयरबस प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र लाने के लिए कौन सा पत्र लिखा इसका जवाब दें. बीजेपी ने इस प्रोजेक्ट के महाराष्ट्र से गुजरात जाने का ठीकरा उल्टा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार पर फोड़ दिया है.
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