महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: पिछले दिनों महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के एक बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मचा दिया. उन्होंने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को नागपुर का कलंक कह दिया, जिसके बाद जुबानी जंग शुरू हो गई. बीजेपी ने इस बयान की जमकर आलोचना की तो वहीं, उद्धव अपने बयान पर डटे रहे और कहा कि क्या भाजपा के नेता दूसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाते और उन पर कलंक का कटाक्ष नहीं करते.
इस बीच उद्धव के गुट वाली शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी इस मुद्दे को उठाया गया है. इसमें महाराष्ट्र की संस्कृति और परंपरा को कलंकित करने के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा गया है.
क्या कहा गया है सामना में?
सामना में कहा गया कि महाराष्ट्र की राजनीति, भाषा, परंपरा को पूरी तरह से कलंकित करने का काम बीजेपी पिछले ढाई सालों से कर रही है और उसके भीष्म पितामह नागपुर में बैठे हैं. आगे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, बीजेपी नेता सदाभाऊ खोत का जिक्र करते हुए कहा गया कि इन्हें देवेंद्र फडणवीस ने राजनीति में पाला-पोसा और बड़ा किया और ये लोग शरद पवार से लेकर उद्धव ठाकरे तक के लिए किन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. सामना में यह भी कहा गया कि कलंक प्रकरण से दो दिन पहले सदाभाऊ खोत ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को शैतान कहकर संबोधित किया, लेकिन खोत की भाषा परंपरा और संस्कृति के अनुरूप नहीं है, ऐसी आवाज फडणवीस या किसी और बीजेपी नेताओं ने नहीं उठाई.
सामना में महाराष्ट्र की सियासत में हुए बड़े बदलाव का भी जिक्र किया गया और कहा कि शिंदे गुट-अजित पवार गुट के बीतशीतयुद्ध चल रहा है और शिंदे गुट के साथ देवेंद्र फडणवीस के संबंध भी अच्छे नहीं हैं, उसी में अजित पवार और 40 लोग आ गए इसलिए शिंदे गुट की हवा ही निकल गई. इसमें अजित पवार के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा गया कि वे कहते थे कि एकनाथ शिंदे के हाथ के नीचे काम नहीं करेंगे और अब उनके जूनियर सहकर्मी बन गए. सामना में यह भी भविष्यवाणी की गई है कि जल्द ही महाराष्ट्र की व्यवस्था बदलेगी और नई सिंहासन फिल्म देखने को मिलेगी, जिसका दावा अजित पवार गुट के लोग खुले तौर पर कर रहे हैं.
उद्धव के किस बयान पर भड़की बीजेपी
10 जुलाई को उद्धव ठाकरे ने फडणवीस को लेकर नागपुर में एक बयान दिया था, जिस पर बीजेपी भड़की हुई है. उन्होंने कहा था, “भाजपा नेता (फडणवीस) नागपुर पर एक कलंक हैं, क्योंकि उन्होंने कहा था कि वह एनसीपी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी उन्होंने ऐसा किया।” उनके इस बयान पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई और देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार करते हुए उद्धव को दिमाग का इलाज कराने की सलाह दी थी. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उनकी इस हालत को देखते हुए उनके किसी भी बयान पर प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं है.
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