Amogh Lial Das Prabhu Comment On Swami Vivekanand Ramkrishna Paramhans ISKCON Banned

इस्कॉन ने अमोघ लियाल दास पर प्रतिबंध लगाया: इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISCON) ने पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. कृष्ण भक्ति शाखा को मानने वाली इस संस्था के संत पूरी दुनिया में सनातन धर्म का प्रचार करते हैं लेकिन एक विवाद के बाद अब इस संस्था को अपने एक संत अमोघ लीला दास के ऊपर बैन लगाना पड़ा है. अमोघ दास पर स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर टिप्पणी की थी, जिस पर विवाद खड़ा हो गया था. इस्कॉन ने बयान जारी कर अपने संत पर प्रतिबंध लगाने की जानकारी दी.

इस्कॉन ने मंगलवार (11 जुलाई) को जारी किए गए बयान में कहा, अमोघ लीला प्रभु ने स्वीकार किया है कि स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु के बारे में अनुचित टिप्पणी करके उन्होंने गलती की है. वह प्रायश्चित के तौर पर एक महीने के लिए सभी प्रकार के सामाजिक जीवन से एक महीने तक खुद को दूर रखेंगे. बयान में कहा गया है कि अमोघ लीला दास ने अपनी टिप्पणी पर माफी मांगी है. इसके साथ ही वह प्रायश्चित के तौर पर एक महीने के लिए गोवर्धन की पहाड़ियों में जाएंगे.

कौन हैं अमोघ लीला दास

अमोघ लीला दास आध्यात्मिक प्रवचनकर्ता है. वे सोशल मीडिया पर भी खूब पॉपुलर हैं. धर्म पर उनके दिए प्रवचन और मोटिवेशनल स्पीच अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड होती रहती हैं. उनके बोलने का अंदाज भी खूब पसंद किया जाता है. अपने ऐसे ही एक प्रवचन के दौरान उन्होंने स्वामी विवेकानंद के मछली खाने को लेकर टिप्पणी कर दी जिस पर विवाद हो गया.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर से संत का सफर

अमोघ लीला दास का असली नाम आशीष अरोड़ा है. उनका जन्म लखनऊ में हुआ था. वे अपने प्रवचनों में भी अपने संत बनने के सफर का जिक्र करते हैं. सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, साल 2000 में वह इंटरमीडिएट की पढ़ाई के दौरान ही उनका अध्यात्म की ओर झुकाव हो गया था. उन्होंने घर भी छोड़ दिया था लेकिन वे वापस लौट आए और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.

2004 में उन्होंने एक अमेरिकी कंपनी में नौकरी शुरू की, लेकिन 6 साल में ही उनका नौकरी से मन भर गया और उन्होंने 2010 में संन्यास की राह पर जाने का फैसला किया. संन्यासी बनते समय उनकी उम्र सिर्फ 29 साल ही थी.

अमोघ लीला दास क्यों हुए बैन ?

अमोघ लीला दास ने अपने एक प्रवचन में स्वामी विवेकानंद के मछली खाने पर सवाल उठाया था. लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, क्या कोई सदाचारी व्यक्ति मछली खाएगा? मछली को भी दर्द होता है, ठीक? क्या कोई सदाचारी व्यक्ति मछली खाएगा? उन्होंने स्वावी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर भी टिप्पणी की.

टिप्पणियों का वीडियो सामने आने पर सोशल मीडिया पर ये मुद्दा गरमा गया. लोग अमोघ लीला दास की निंदा करने लगे, जिसके बाद इस्कॉन ने एक्शन लेने का फैसला लिया. इस्कॉन ने कहा कि इन दो महान व्यक्तित्वों के बारे में अमोघ लीला दास की समझ और इनके बारे में अनुचित और अस्वीकार्य टिप्पणियों से वह दुखी है.

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By jaghit