एनसीपी में दरार: एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर चौंकाने वाला फैसला सुनाया. उन्होंने पार्टी में दो कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति का ऐलान किया. एक नाम प्रफुल्ल पटेल का, तो दूसरी उनकी बेटी सुप्रिया सुले का है. इस फैसले के बाद सवाल शरद पवार के भतीजे अजित पवार के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे थे. साथ ही अजित को साइडलाइन किए जाने की अटकलों ने एक बार फिर जोर पकड़ना शुरू कर दिया. अब सुप्रिया सुले ने जो कहा है कि उसकी मानें तो पार्टी अजित पवार को साइडलाइन नहीं किया गया, बल्कि उनके पास बड़ी जिम्मेदारी है.
सुले ने उन खबरों को ‘कयास’ करार देकर खारिज कर दिया कि पार्टी में उनका कद बढ़ने से उनके चचेरे भाई व पार्टी नेता अजित पवार असहज हैं. पीटीआई से उन्होंने कहा, “यह सही नहीं है कि अजित पवार को किराने कर दिया गया है. वे नेता प्रतिपक्ष हैं, जो मुख्यमंत्री के बराबर का पद है.” सुले ने आगे कहा कि, राष्ट्रीय स्तर पर वह शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल को रिपोर्ट करेंगी, जबकि राज्य (महाराष्ट्र) में अजित पवार, छगन भुजबल और जयंत पाटिल को रिपोर्ट करेंगी.
हां, मैं शरद पवार की बेटी- सुप्रिया सुले
शरद पवार ने शनिवार (10 जून) को सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था. इसके बाद एनसीपी सुप्रीमो पर वंशवाद की राजनीति बढ़ाने के आरोप भी लगे थे. रविवार को सुप्रिया सुले पुणे में थी और इस पर भी बात की. पीटीआई के अनुसार, सुप्रिया ने कहा कि ‘‘हां, यहां वंशवाद की राजनीति है और मैं इस बात गौरवान्वित महसूस करती हूं कि मैं शरद पवार और प्रतिभा पवार की बेटी हूं.
जो उंगलिया दिखाते हैं, बाकी उंगलिया उन्हीं की ओर- सुप्रिया सुले
उन्होंने कहा कि जो मेरी ओर अपनी उंगली दिखाते हैं उन्हें समझना चाहिए कि बाकी उंगलियां उन्हीं की ओर इशारा करती हैं. लोगों को बोलने दें. उन्होंने कहा कि राकांपा ऐसी पार्टी है जो लोकतंत्र में भरोसा करती है यह कॉरपोरेट कार्यालय की तरह नहीं है.
अजित पवार ने भी नाराजगी की खबरों को किया था खारिज
इसके पहले अजित पवार ने भी इन खबरों को खारिज कर दिया कि सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने और पार्टी में उन्हें कोई भूमिका नहीं दिए जाने से वह नाखुश हैं. अजित के हवाले से पीटीआई ने लिखा, ‘कुछ मीडिया चैनल ने ऐसी खबरें चलाईं कि अजित पवार को कोई जिम्मेदारी नहीं मिली, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मेरे पास महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी है.’’ उन्होंने कहा कि वह स्वेच्छा से राज्य की राजनीति में सक्रिय हैं.
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