US LGBTQ Pride Month Fight Erupted At Saticoy Elementary School In Los Angeles Protesters Says Leave Our Kids Alone | अमेरिका में LGBTQ+ कम्युनिटी के अधिकारों पर मचा बवाल, स्कूल में हिंसक झड़प, पेरेंट्स बोले

LGBTQ+ प्राइड मंथ लॉस एंजेलिस: अमरीका के कैलिफोर्निया (California) प्रांत का सबसे बड़ा शहर लॉस एंजिल्स LGBTQ+ मुद्दे पर सुलग रहा है. यहां एक प्राइमरी स्कूल में प्राइड डे असेंबली के फैसले के खिलाफ सैकड़ों लोग प्रदर्शन के लिए जुटे और कुछ ही देर में विरोध हिंसक हो गया. स्कूल के बाहर ही प्रदर्शनकारियों और स्कूली प्रशासन के बीच झड़प होने लगी. विवाद शांत करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी.

लॉस एंजिल्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ हफ्ते पहले स्कूल परिसर में एक ट्रांस टीचर के प्राइड फ्लैग को जला दिया गया था, जिसके बाद LGBTQ+ कम्‍यूनिटी की ओर से विरोध-प्रदर्शन शुरू किए गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि कई आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने “माता-पिता की पसंद मायने रखती है” और “नो प्राइड इन ग्रूमिंग” जैसे मैसेज वाली टी-शर्ट पहनी हुई थीं. वहीं, एक ट्रक में लाल रंग के बैनर पर लिखा था, “हमारे बच्चों को अकेला छोड़ दो.”

LGBTQ+ के अधिकारों पर ठनी रार!
दूसरी ओर LGBTQ+ अधिकारों के खिलाफ कुछ जगहों पर बढ़ती प्रतिक्रिया के बीच पूरे देश में, प्राइड मंथ सेलिब्रेशन शुरू हो गया है. जिसके चलते कम्‍यूनिटी से जुड़ी परेड के आयोजकों, स्कूलों और यहां तक कि इंद्रधनुषी झंडे फहराने और कलाकारों को सम्मानित करने पर विरोध का सामना करना पड़ा है. इसके अलावा डेमोक्रेटिक पार्टी के सत्‍ता वाले कुछ शहर और राज्य LGBTQ+ अधिकारों को बढ़ाने करने और इस कम्‍युनिटी के योगदान का सम्मान करने की भी मांग कर रहे हैं.

क्‍या है LGBTQ+? प्राइड मंथ से क्‍या तात्‍पर्य है?
LGBT समलैंगिकों की कम्‍यूनिटी को कहते हैं. समलैंगिकता का अर्थ होता है किसी भी व्यक्ति का समान लिंग के व्यक्ति के प्रति यौन आकर्षण. साधारण भाषा में किसी पुरुष का पुरुष के प्रति या महिला का महिला के प्रति आकर्षण. ऐसे लोगों को अंग्रेजी में ‘गे’ या ‘लेस्बियन’ कहा जाता है, वहीं इनके समूह को LGBT कम्‍यूनिटी माना जाता है. LGBTQ+ में L का मतबल लेस्बियन, G का मतबल ‘गे’, B का मतबल ‘बाईसेक्सुअल’, T का मतबल ‘ट्रांसजेंडर’, और Q का मतलब है ‘क्वीयर’.


‘क्वीयर’ ऐसे इंसान हैं जो न अपनी पहचान तय कर पाए हैं न ही शारीरिक चाहत. मतलब ये लोग खुद को न आदमी, औरत या ‘ट्रांसजेंडर’ मानते हैं और न ही ‘लेस्बियन’, ‘गे’ या ‘बाईसेक्सुअल’, उन्हें ‘क्वीयर’ कहते हैं. अमेरिका में ऐसे लोगों की तादाद हजारों में है. इन्‍हें अक्‍सर आमजनों के बीच हीन भावना से भी देखा जाता है.

  • अब समझते हैं- प्राइड मंथ (Pride month) को, तो बता दें कि जून का पूरा महीना LGBT कम्युनिटी के लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि यह पूरा महीना प्राइड मंथ के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. इस प्राइड मंथ में LGBT कम्युनिटी के लोग बड़ी संख्‍या में एकत्रित होते हैं और अपने अधिकारों की मांग करते हैं. बताया जाता है कि LGBT प्राइड मंथ अमेरिका में जून 1969 के अंत में हुए स्टोनवॉल दंगों की याद में मनाया जाता है. ये दंगे LGBT अधिकारों को लेकर हुए थे.

अमेरिका भर में प्राइड मंथ सेलिब्रेशन
अब प्राइड मंथ ही चल रहा है और इस बीच अमेरिकी राज्‍य में LGBT का मुद्दा उठा है, जहां प्राइड डे असेंबली पर बहस छिड़ी, वहीं, लॉस एंजिल्स स्थित स्‍कूल में 100 से अधिक अभिभावक एकत्र हो गए और हिंसक विरोध शुरू हो गया. कुछ प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे इस बात से खफा हैं कि स्कूल में एक ऐसा सोशल मीडिया पेज बनाया गया था, जिसमें माता-पिता से अनुरोध किया गया था कि वे अपने बच्चों को नियोजित सभा के दिन (शुक्रवार को) घर पर रखें.

स्कूल डिस्ट्रिक्ट बोर्ड ने सफाई में क्या कहा?
‘द गार्जियन’ के मुताबिक, लॉस एंजिल्स यूनिफाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के सदस्य केली गोन्ज़ ने बताया कि उनके यहां द ग्रेट बिग बुक ऑफ फैमिलीज का प्रोग्राम होना था, जिसमें सिंगल पेरेंट्स और LGBTQ+ के पेरेंट्स सहित विभिन्न पारिवारिक संरचनाओं के बारे में जानकारी दी जानी थी, मगर कुछ लोग विरोध में उतर आए और अब हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.

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By jaghit