Maharashtra Politics Ajit Pawar May Join BJP Will NCP MP Made A Big Claim And Said Political Explosion Will Happen Soon ANN

Ajit Pawar May Join BJP: नेता विपक्ष और एनसीपी के कद्दावर नेता अजित पवार के बीजेपी के साथ जाने की अटकलों के बीच एनसीपी सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के एक बयान ने राज्य का सियासी पारा चढ़ा दिया है. सुप्रिया सुले ने कहा कि 15 दिनों में दो राजनीतिक बड़े विस्फोट होंगे एक दिल्ली में तो दूसरा महाराष्ट्र में होगा. 

सुप्रिया सुले का बयान ऐसे वक्त आया है जब राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि अजित पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ पाला बदल सकते हैं. शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने 2 दिनों पहले सामना अखबार में लिखे लेख में उन सभी प्रमुख शरद पवार के साथ हुई बातचीत का जिक्र करते हुए लिखा था कि पवार ने उनसे कहा कि उनके परिवार पर दबाव है. लेकिन वो बीजेपी के साथ ही जाएंगे लेकिन उनके पार्टी के विधायक या सांसद कुछ कदम उठाते हैं तो वे उनका व्यक्तिगत फैसला होगा.

दरअसल, जरअंदेश्वर चीनी मिल मामले में प्रवर्तन निदेशालय अजित पवार और उनके परिवार से जुड़ी कंपनी की जांच कर रहा है. बताया जाता है कि सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन इस चीनी मिल की खरीद-फरोख्त में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग हुई है. लाल दोरा 2021 में प्रवर्तन निदेशालय ने जरअंदेश्वर चीनी मिल प्रॉपर्टी को अटैच कर लिया था.

साल 2019 में भी एनसीपी नेता अजित पवार बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. लेकिन 48 घंटों में ही फडणवीस और पवार की सरकार गिर गई थी. उस वक्त दावा किया गया कि अजित पवार के साथ अधिकतर विधायकों का समर्थन है लेकिन सीनियर पवार ने पासा पलट दिया था. 

पार्टी पर कंट्रोल चाहते है अजित पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार 83 साल की उम्र में भी राजनीति में सक्रिय हैं. सूत्र बताते हैं कि शरद पवार के बाद पार्टी में शरद पवार के भतीजे अजित पवार की अच्छी पकड़ मानी जाती है. इसके बावजूद शरद पवार अजित पवार को पार्टी का दारोमदार देने को तैयार नहीं है. अपनी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले को पार्टी अध्यक्ष बनाना चाहते हैं. हालांकि इस बारे में शरद पवार ने कभी सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है. लेकिन सूत्रों का कहना है अजित पवार पार्टी अध्यक्ष को लेकर जल्द फैसला चाहते हैं.

अजित पवार के साथ अभी कितने विधयक

जानकारी के मुताबिक अजित पवार के बीजेपी साथ जाने के फैसले के साथ केवल 11 से 12 विधयकों हैं. NCP के महाराष्ट्र में 53 विधायक हैं. अगर अजित पवार को डिस्कोलिफिकेशन से बचना है तो दो तिहाई याने करीब 35 विधयकों की जरूत होगी. बिना शरद पवार के अजित पवार के लिए इतने विधयकों का समर्थन पाना मुश्किल है.

ऐसे में क्या है अजित पवार के सामने विकल्प?

अगर अजित पवार को एनसीपी से नाता तोड़ना है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होगा. लेकिन क्या ऐसे वक्त जब शिंदे फडणवीस सरकार आंकड़ों के लिहाज से मजबूत है अजित पवार का इस्तीफा देने का फैसला सही होगा ये बड़ा सवाल है.

बीजेपी को क्यों जरूरत है अजित पवार की?

महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटे हैं. सीटों के लिहाज से महाराष्ट्र दूसरा सबसे बड़ा राज्य है. ऐसे में बीजेपी लोकसभा चुनाव में कोई जोखिम नहीं चाहती है. ज्यादा से ज्यादा सीट बीजेपी चाहती है. अजित पवार मराठा समाज के मजबूत नेता माने जाते रहे हैं. मराठा समाज महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा किरदार निभाता रहा है. ऐसे में अगर अजित पवार को साथ लिया जाता है तो पशिम महाराष्ट्र जिस इलाके में बीजेपी कमजोर है वहां पकड़ और मजबूत की जा सकती है.

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By jaghit