West Bengal-Bihar Violence: पश्चिम बंगाल और बिहार में हुई हिंसा की घटना को लेकर राज्य सरकारों और बीजेपी के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है. दोनों राज्यों में गुरुवार को रामनवमी के दिन हिंसा हुई थी. इस दौरान शोभायात्रा पर पथराव किया गया और वाहनों में आग लगाई गई थी. हिंसा के बाद प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी और भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा पर राज्य सरकार से मंगलवार (4 अप्रैल) को एक विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है. हिंसा की इन घटनाओं को लेकर बीजेपी (BJP) ने बिहार और बंगाल की सरकार पर निशाना साधा. जिसके बाद टीएमसी (TMC) और बिहार (Bihar) सरकार की ओर से भी पलटवार किया गया.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को रामनवमी पर हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ताजा हमला किया और उन पर अल्पसंख्यक वोटों के लिए तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. अनुराग ठाकुर ने दिल्ली में जैन तीर्थंकर महावीर की 2622वीं जयंती पर विश्व शांति एवं सदभावना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह की वोट बैंक की राजनीति देश के सामने कई समस्याएं और कई चुनौतियां पेश करती हैं.
ममता बनर्जी पर अनुराग ठाकुर ने लगाए गंभीर आरोप
अनुराग ठाकुर ने कहा कि दुनिया का एक हिस्सा लंबे समय से युद्ध देख रहा है. जब मैं भारत में स्थिति देखता हूं, यहां शांति का माहौल है, लेकिन रामनवमी पर शांतिपूर्वक जुलूसों की अनुमति नहीं है. पश्चिम बंगाल में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा का जिक्र करते हुए ठाकुर ने पूछा कि क्या राज्य की मुख्यमंत्री समाज को विभाजित करने का सहारा ले रही हैं क्योंकि उन्होंने कहा कि हिंदुओं को कुछ क्षेत्रों से नहीं गुजरना चाहिए. ये अपने आप में चिंता का विषय है.
“शांतिपूर्वक जुलूस निकालने की अनुमति नहीं”
उन्होंने कहा कि दो देशों के बीच युद्ध एक बात है, लेकिन अपने ही देश में, बिहार और बंगाल में ऐसी स्थिति पैदा करना, जहां आपको रामनवमी पर शांतिपूर्वक जुलूस निकालने की अनुमति नहीं है और आगजनी, पथराव किया जाता है, कई सवाल उठाती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर के देशों से कहते हैं कि ये युद्ध का युग नहीं है और चर्चा करने, विचार करने, लोकतंत्र का हिस्सा बनने और निर्णय लेने का समय है. दुनिया इस बात को स्वीकार करती है, लेकिन हमारे देश के दो राज्यों के मुख्यमंत्री इस तरह की बात कर रहे हैं और पक्षपात का सहारा ले रहे हैं. ये एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या एक विशेष समुदाय हिंसा में शामिल था या तुष्टीकरण की राजनीति उनके जुनून को हवा देती है.
“हिंसा के पीछे बीजेपी का हाथ”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मंगलवार को बीजेपी पर कई आरोप लगाए. बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हिंसा कराकर भगवान राम के नाम को बदनाम किया. उन्होंने कहा कि हुगली और हावड़ा में हिंसा के पीछे बीजेपी का हाथ है. उन्होंने बंगाल में हिंसा के लिए अन्य राज्यों से गुंडों को मंगाया. मुझे हर वक्त अलर्ट रहना होता कि बीजेपी कब कहां जाकर दंगा कर दे. ये लोग समझते नहीं हैं बंगाल के लोग दंगा पसंद नहीं करते.
“हिंदू धर्म को बदनाम कर रहे हैं”
ममता बनर्जी ने कहा कि वे एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ाकर हिंदू धर्म को बदनाम कर रहे हैं, लेकिन दंगाइयों का कोई धर्म नहीं है, वे महज राजनीतिक गुंडे हैं. मैं हर किसी से शांति बरतने की अपील करती हूं. वह दंगाइयों को बच कर भागने नहीं देंगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बीजेपी का कहना है कि यदि पार्टी बिहार में सत्ता में आती है, तो यह दंगाइयों को उल्टा लटका देगी. तो फिर वह अपने उन गुंडों के लिए ऐसा क्यों नहीं कर रही, जो बंगाल में संकट पैदा कर रहे हैं? पुण्य का काम घर से ही शुरू होता है.
“सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाली ममता बनर्जी”
वहीं बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाली ममता बनर्जी हैं. पुलिस हमलावरों को तो गिरफ्तार नहीं कर रही, लेकिन हथियार लेकर चलने वालों को गिरफ्तार कर लिया. क्या उनका किसी पर हमला करने का कोई वीडियो था? कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन हमारे पास रामनवमी के दौरान हिंसा के वीडियो हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
असदुद्दीन ओवैसी ने भी बोला हमला
इसी बीच एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी दोनों राज्यों सरकारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने कहा कि ये राज्य सरकारों की विफलता है, चाहे वह पश्चिम बंगाल सरकार हो या बिहार सरकार, या फिर कर्नाटक में इदरीस पाशा की मॉब लिंचिंग. सरकार क्या कर रही थी? बरसों से मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार इसे रोक नहीं पाए हैं. मैं नीतीश कुमार और राजद सरकार के व्यवहार की निंदा करता हूं कि वे इस मदरसे को जलाने और मस्जिद पर हमले को रोकने में पूरी तरह विफल रहे हैं. इसके अलावा, बिहार में मुसलमानों की संपत्तियों को लक्षित तरीके से जलाया गया था.
“मुसलमानों में डर पैदा करना चाहते हैं”
ओवैसी ने आगे कहा कि जब भी किसी राज्य में हिंसा होती है तो उसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है. बिहारशरीफ में मदरसे को आग के हवाले कर दिया गया और मुसलमानों की दुकानों को निशाना बनाया गया. इसके पीछे साजिश है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जानते थे कि नालंदा एक संवेदनशील जिला है, फिर भी वहां अशांति थी. उन्हें कोई पछतावा नहीं है, उन्होंने कल इफ्तार में भी शिरकत की थी. सीएम नीतीश और तेजस्वी यादव राज्य में मुसलमानों में डर पैदा करना चाहते हैं.
बिहार के मंत्री ने किया पलटवार
एआईएमआईएम चीफ ओवैसी के आरोपों पर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि हम असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी के जैसे लोग नहीं हैं. हम उनके जैसी राजनीति नहीं करते, हम भाईचारे की राजनीति करते हैं. जब भी हमें लगेगा कि हमारे जाने से प्रभावित इलाकों में माहौल ठीक होगा, शांति बनी रहेगी तो हम जाएंगे. अभी स्थिति तनावपूर्ण है और प्रशासन जिम्मेदारी से स्थिति को संभाल रहा है. प्रशासन की चूक का आरोप अभी कोई मुद्दा नहीं है, ये जांच का विषय है.
गौरतलब है कि बीते गुरुवार को रामनवमी जुलूस के दौरान पश्चिम बंगाल के साथ-साथ बिहार के नालंदा जिले के बिहारशरीफ और रोहतास जिले के सासाराम में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. बिहार पुलिस ने इस मामले में अब तक 173 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके बाद एक अप्रैल को रोहतास के सासाराम में हुए बम विस्फोट में छह लोग भी घायल हो गए थे.
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