BJP leader Khushbu Sundar: कांग्रेस की पूर्व नेता और अभिनेत्री खुशबू सुंदर का एक पुराना ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है. इस ट्वीट के बहाने कांग्रेस के नेता सरकार पर निशाना साध रहे हैं. दरअसल, बीजेपी नेता खुशबू सुंदर ने रविवार को कहा कि वह “मोदी सरनेम को भ्रष्टाचार” से जोड़ने वाले अपने 2018 के ट्वीट को डिलीट नहीं करेंगी. उन्होंने कांग्रेस से उनके पुराने ट्वीट्स को और निकालने का आह्वान किया.
अभिनेत्री से नेता बनी खुशबू सुंदर 2018 में जब कांग्रेस में थीं, तब उन्होंने ट्वीट किया था, “यहां मोदी वहां मोदी जहां देखो मोदी…लेकिन ये क्या? हर मोदी के आगे भ्रष्टाचार सरनेम लगा हुआ है… चलिए मोदी नाम का मतलब ही भ्रष्टाचार कर देते हैं. #Nirav #Lalit #Namo = Corruption.”
I will not delete my tweet. It’s out there. There are many more. Pls use your time, as CONgress is absolutely jobless, to dig out a few more. BTW I like to see how the CONgress is putting me and @RahulGandhi on the same platform. I like the fact that I have earned enough name n…
— KhushbuSundar (@khushsundar) March 25, 2023
राहुल गांधी प्रकरण में मामला सामने आया
बता दें कि खुशबू सुंदर का यह मामला सूरत कोर्ट ने 23 मार्च को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाने और उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द करने के बाद उठा है. बीजेपी नेता खुशबू सुंदर ने रविवार को कहा, “मैं अपना ट्वीट नहीं हटाऊंगी. यह सबके सामने है. कई और हैं. कृपया अपने समय का इस्तेमाल करें, क्योंकि कांग्रेस बिल्कुल बेरोजगार है, इनके लिए और ट्वीट निकालने के लिए समय है.”
कांग्रेस नेताओं ने ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया
ट्विटर पर कई कांग्रेस नेताओं ने खुशबू सुंदर के इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है और सवाल किया कि क्या गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी खुशबू सुंदर के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे. बता दें कि खुशबू सुंदर अब बीजेपी की सदस्य हैं और राष्ट्रीय महिला आयोग में एक्टिव मेंबर हैं. यहां खास बात तो यह है कि खुशबू सुंदर ने अभी तक अपने पुराने ट्वीट पर न तो कोई कमेंट किया है और न ही इसे डिलीट किया है.
हालांकि, खुशबू सुंदर ने राहुल गांधी की सजा पर प्रतिक्रिया जरूर दी. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मनमोहन सिंह (तत्कालीन प्रधानमंत्री) जी 2013 में पारित सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक अध्यादेश लाना चाहते थे, लेकिन राहुल गांधी ने उसे फाड़ दिया. विडंबना यह है कि उनकी सदस्यता आज उसी फैसले से गई है. #कर्म.”