Bihar News: जय किशोर सिंह 2020 में चीन के साथ गलवान में हुए संघर्ष में शहीद हो गए थे. मंगलवार को शहीद जय किशोर के पिता राज कपूर सिंह अपने शहीद बेटे का स्मारक बनवा रहे थे. इसी दौरान शहीद के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि जय किशोर के पिता को वैशाली जिले के जंदाहा में सरकारी जमीन पर अपने बेटे के लिए स्मारक बनाने के लिए पुलिस ने पीटा और बाद में गिरफ्तार कर लिया.
शहीद के पिता की गिरफ्तारी के बाद वैशाली जिले में सैनिक के गांव में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है. जय किशोर सिंह के भाई ने बताया, “डीएसपी मैम ने दौरा किया था और हमें 15 दिनों के भीतर मूर्ति हटाने के लिए कहा था. बाद में थाना प्रभारी हमारे घर आए और मेरे पिता को गिरफ्तार कर लिया और मारपीट भी की. मैं भी एक सशस्त्र बल का जवान हूं.”
SC-ST एक्ट लगा
विवादित जमीन के पास में लगे सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि पुलिस जवान जय किशोर के पिता राज कपूर सिंह को गांव से ले जा रही है. परिवार का आरोप है कि उन्हें पुलिस ने पीटा है. दरअसल, दलित ग्रामीणों ने राज कपूर सिंह पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके स्मारक बनाने का आरोप लगाया है. शिकायत के बाद सिंह पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया है.
#CORRECTION | Bihar | Family members of Jai Kishore Singh, who lost his life in the 2020* Galwan Valley clash, allege that Singh’s father was thrashed and later arrested by police for building a memorial for his son on govt land in Vaishali’s Jandaha. https://t.co/pjeDLCR7ZI pic.twitter.com/QyunOez92t
— ANI (@ANI) February 28, 2023
पुलिस ने 15 दिन का समय दिया था
राज कपूर सिंह के दूसरे बेटे, नंद किशोर ने आरोप लगाया, “पुलिस अधिकारी आए और हमें 15 दिनों के भीतर स्मारक को हटाने के लिए कहा. कल रात, उन्होंने मेरे पिता को गिरफ्तार किया, उन्हें घसीटा, थप्पड़ मारा, गाली दी और पुलिस स्टेशन में भी पीटा.” उन्होंने दावा किया, “पुलिस रात के अंधेरे में आई और उन्हें इस तरह गिरफ्तार किया जैसे वह कोई आतंकवादी हों.” गिरफ्तारी की खबर फैलते ही कई ग्रामीण स्मारक पर पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
हालांकि पुलिस अधिकारी पूनम केसरी ने कहा कि उन्होंने ग्रामीणों की शिकायत पर कार्रवाई की है, जिसमें शहीद जवान के स्मारक ने एक पड़ोसी के खेत में आने-जाने के रास्ते को रोक दिया था. अधिकारी ने आगे कहा, “परिवार ने एक स्मारक बनाया, फिर रातोंरात इसके चारों ओर दीवारें खड़ी कर दी. यह सरकारी जमीन पर अतिक्रमण था. उन्हें बार-बार अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था.”