Russia Ukraine Conflict: रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से ज्यादा वक्त से जंग जारी है. वहीं, चीन और रूस के बीच बढ़ती दोस्ती से अमेरिका की चिंता बढ़ी है. अमेरिका के जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन ने साफ तौर से ड्रैगन को चेतावनी दी है कि यूक्रेन जंग (Ukraine War) से वो दूर रहे. अगर चीन (China) की ओर से रूस को सैन्य मदद की गई तो उसे इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन (Jake Sullivan) ने रविवार (26 फरवरी) को कहा कि अगर चीन यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को सैन्य सहायता प्रदान करता है तो उसे ‘वास्तविक कीमत’ चुकानी पड़ेगी.
‘चीन को चुकानी होगी वास्तविक कीमत’
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, ”हमारे दृष्टिकोण से यूक्रेन का युद्ध चीन के लिए वास्तविक जटिलताएं लाएगा. बीजिंग को अपने निर्णय लेने होंगे कि यह कैसे आगे बढ़ता है. क्या वो इस युद्ध में रूस को सैन्य सहायता देगा? अगर चीन इस रास्ते पर चलता है तो उसे वास्तविक कीमत चुकानी होगी”.
क्या रूस को सैन्य मदद करेगा चीन?
सुलिवन ने आगे कहा कि अमेरिका सिर्फ सीधी धमकियां नहीं दे रहा है. हम दांव और परिणाम दोनों ही बता रहे हैं कि चीजें कैसे सामने आएंगी. सुलिवन की टिप्पणी यूक्रेन युद्ध के एक महत्वपूर्ण बिंदु पर आई है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास खुफिया जानकारी है कि चीनी सरकार रूस को युद्ध में इस्तेमाल के लिए ड्रोन और गोला-बारूद उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है.
क्या यूक्रेन मजबूती से खड़ा है?
सूत्रों के मुताबिक ऐसा प्रतीत होता है कि बीजिंग ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, क्योंकि रूस और चीन के बीच उपकरणों की कीमत और दायरे के बारे में बातचीत चल रही है. सुलिवन ने रविवार को सीएनएन की ओर से पूछे जाने पर कहा, “मैं अमेरिकी लोगों के साथ यह कह सकता हूं कि युद्ध अप्रत्याशित है. एक साल पहले, हम सभी कुछ ही दिनों में कीव के पतन के लिए तैयारी कर रहे थे. एक साल बाद जो बाइडेन कीव में ज़ेलेंस्की का समर्थन करते हुए घोषणा कर रहे थे कि यूक्रेन मजबूती से खड़ा है.
जो बाइडेन ने किया था यूक्रेन दौरा
बता दें कि पिछले साल 24 फरवरी को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश के बाद रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था. दोनों देशों के बीच अबतक जंग जारी है. पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कीव का दौरा किया था और यूक्रेनी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने यूक्रेन के साथ खड़े रहने और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था.
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