Kavitha Asks Nirmala Sitharaman: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने के लक्ष्य को मजाक और मूर्खतापूर्ण करार दिया था. इसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि इसका मजाक क्यों? अब इस मामले पर केसीआर की बेटी कविता का बयान आया है और उनका कहना है कि चीन से तुलना करते हैं लेकिन उसकी अर्थव्यवस्था तो 18 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा की है तो ऐसे में देश का गोल 5 ट्रिलियन डॉलर क्यों?
सवाल जवाब के इस दौर में कविता ने कहा, “मैं निर्मला सीतारामन से पूछना चाहती हूं जब हमारे पास अच्छी खासी कामकाजी आबादी और इतने सारे संसाधन हैं तो हम इससे ऊंचा लक्ष्य क्यों नहीं रखते हैं?” वो इतने पर ही नहीं रुकीं, उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला किया.
क्या कहा कविता ने?
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कविता ने आगे बोला कि केंद्र सरकार की अदूरदर्शी नीतियों के कारण आज इस क्षमता का खुलासा नहीं हो पा रहा है. हमें बेहतर नीतियों की जरूरत है. मोदी सरकार केवल अमीरों के लिए नीतियां बनाती है, वे कॉर्पोरेट-फ्रेंडली हैं और गरीबों के अनुकूल नहीं हैं. उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले, भारत पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था, लेकिन आज भारत पर 155 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है.
Telangana | I want to ask Nirmala Sitharaman who repeatedly says that our competition is with China, China’s economy is over $18 trillion so why our goal is $5 trillion, why aren’t we aiming higher when we have a high working population & so many resources: BRS MLC K Kavitha https://t.co/KMYCW9eQCR pic.twitter.com/btbZFCbEwL
— ANI (@ANI) February 16, 2023
कविता ने कहा, “वे (मोदी सरकार) हमें राजकोषीय विवेक सिखाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? हमने क्रांतिकारी नीतियां बनाईं. तेलंगाना देश के सकल घरेलू उत्पाद का 4.5% योगदान देता है. यदि आप (केंद्र) जवाब नहीं सोच सकते हैं और राष्ट्र की क्षमता की पहचान नहीं कर सकते हैं तो राज्यों को दोष न दें.”
क्या कहा था वित्त मंत्री ने?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने गुरुवार (16 फरवरी) को हैदराबाद में कहा कि आप कैसे कह सकते हैं कि 5 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य एक मजाक है? हर राज्य को इसमें योगदान देना चाहिए. आप लोग किस पर हंस रहे हैं. उन्होंने तेलंगाना सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि साल 2014 में तेलंगाना का कर्ज 60,000 करोड़ रुपये था, लेकिन पिछले 7-8 सालों में ये 3 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है. जब केंद्र ने मेडिकल कॉलेजों के लिए जगहों की सूची मांगी, तो राज्य (तेलंगाना) ने करीमनगर और खम्मम को सूचीबद्ध किया, लेकिन उन जगहों पर पहले से ही मेडिकल कॉलेज थे.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि अब आप (तेलंगाना सरकार) कह रहे हैं कि आपको केंद्र से 157 मेडिकल कॉलेजों में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं मिला. आपके पास तेलंगाना के उन स्थानों का डेटा नहीं है जहां मेडिकल कॉलेज हैं और आप एनडीए पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं होने का आरोप लगा रहे हैं.