भारत में रक्षा क्षेत्र में निर्माण को लेकर दुनियाभर की कंपनियां लगातार दिलचस्पी दिखा रही हैं. रूस सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी Rosoboronexport ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत रूस कई तरह के प्रोजेक्ट्स साझा कर रक्षा क्षेत्र में उतरना चाहता है. दरअसल, बेंगलुरु के भारतीय वायु सेना के येलहंका में पांच दिवसीय एयरो इंडिया-2023 (Aero India-2023) का आयोजन हो रहा है. रोसोबोरोनेक्सपोर्ट एयरो इंडिया कार्यक्रम में का एक स्थाई प्रदर्शक है और रूस के सामूहिक प्रदर्शन का आयोजक भी है. “भारत और रूस के बीच सैन्य-तकनीकी सहयोग (भारतीय) सशस्त्र बलों की सभी सेवाओं के लिए कई पूर्ण और चल रही संयुक्त परियोजनाओं के साथ औद्योगिक साझेदारी का एक उदाहरण है,” रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्जेंडर ए मिखीव ने मंगलवार से शुरू हुए एयरो इंडिया-2023 के कार्यक्रम से इतर ये जानकारी दी.
उन्होंने यह भी कहा कि ” हम रक्षा उत्पादों के संयुक्त विकास के अंतर्गत सहयोग के लिए नए बिंदुओं पर सहयोग बढ़ाने और ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की आवश्यकताओं के अनुरूप भारतीय कंपनियों को उच्च तकनीक की पेशकश कर रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि इस बार रोसोबोरोनेक्सपोर्ट रूस निर्मित 200 उन्नत आयुध और सैन्य हार्डवेयर का प्रदर्शन कर रहा है, जिसमें एडवांस्ड Su-57E जोकि पांचवीं पीढ़ी की का लड़ाकू विमान है. यह विमान एक बार में कई टारगेट को अंजाम दे सकता है. इसी तरह चेकमेट लाइट सामरिक विमान, IL-76MD-90A (E) सैन्य परिवहन विमान और IL-78MK आदि शामिल हैं, और मल्टीफंक्शनल फ्रंटलाइन फाइटर कैटेगरी में 90A टैंकर विमान, Su-35 और MiG-35D शामिल हैं.
पिछले हफ्ते रूस के मॉस्को दौरे पर गए थे एनएसए अजीत डोवाल
आपको याद दिला दें कि पिछले सप्ताह 7-9 फरवरी तक भारत के एनएसए अजीत डोवाल मास्को दौर पर थे. इस दौरान वहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक की थी. इस दौरान उन्होंने रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव से भी मुलाकात की थी. जिसमें दोनों पक्षों ने भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया था। रूसी रक्षा कंपनी मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत निर्माण किए जाने हल्के उपयोगिता वाली हेलीकॉप्टर Ka-226T भी पेश करेगी, जो काफी समय से लंबित है. इसके अलावा दोनों देशों के बीच विगत 10 वर्षों से 1 अरब डॉलर के सौदे के तहत रूसी कामोव केए-226टी हेलिकॉप्टरों के उत्पादन को लेकर बातचीत चल रही है। दरअसल, चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों की जगह भारतीय सेना और वायु सेना के लिए खरीदे गए 200 में से 160 कामोव हेलिकॉप्टरों का निर्माण करने को लेकर विचार-विमर्श किया गया था।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ रही है Ka-52E, Mi-28NE हेलीकॉप्टरों की मांग
लेकिन, भारत अब हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (LUH) को अपनाने पर विचार कर रहा है, जिस कारण कामोव की खरीदारी की बातचीत को धीमा कर दिया है। रूस भारतीय सशस्त्र बलों को Ka-52E और Mi-28NE अटैक हेलीकॉप्टरों और Mi-171Sh सैन्य परिवहन हेलीकॉप्टरों के उन्नत संस्करण की बिक्री करने की योजना बना रहा है। रूसी दिग्गज कंपनी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में Ka-52E, Mi-28NE और Mi-171Sh हेलिकॉप्टरों की मांग तेज हो रही है। इस बार के एयरो इंडिया शो में रूप अपने विशेष सैन्य ड्रोन का भी प्रदर्शन कर रहा है. जिसमें मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) ओरियन-ई स्ट्राइक, टोही विमान यूएवी ओरलान -10 और ओरलान -30 शामिल हैं. यह 2022 में मॉस्को ने लॉन्च किया गया एक नया यूएवी है।
कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि इन उत्पादों के लिए “रोसोबोरोनेक्सपोर्ट रक्षा मंत्रालय और भारत की अन्य सुरक्षा एजेंसियों (इन उत्पादों के लिए) के साथ बैठकें और बातचीत करने की योजना पर काम कर रहा है।” जिसमें यह कहा गया है कि “कंपनी ‘ मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत भारत की आवश्यकताओं के अनुसार औद्योगिक साझेदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय रक्षा उद्योग के स्वामित्व वाली कंपनियां और निजी उद्यमों के साथ बड़े पैमाने पर काम करने की उम्मीद रखता है।” .