India Cyprus Relation: भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (S. Jaishankar) गुरुवार (29 दिसंबर) को साइप्रस (Cyprus) की आधिकारिक यात्रा पर जा रहे हैं. उनकी यात्रा के मद्देनजर साइप्रस के विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) ने बयान जारी कर कहा कि वह तुर्की (Turkey) के उकसावे वाले कार्रवाइयों की भारत से शिकायत करेंगे.
विदेश मंत्री के कार्यक्रम के बारे में बताते हुए साइप्रस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि साइप्रस पहुंचने के बाद जयशंकर सबसे पहले वहां के विदेश मंत्री इयोनिस कसौलाइड्स से बातचीत करेंगे. इस बातचीत में दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों के अलावा अन्य कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
किन-किन मुद्दों पर होगी बात?
साइप्रस और भारत इस साल राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे कर रहा है. इस दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्री एक दूसरे के साथ भारत के साथ आर्थिक संबंधों, ईयू के साथ भारत के रिश्तों पर बात करेगा. इस मुद्दे पर चर्चा के अलावा भारत का साइप्रस और उसके पडोसी देशों के रुख के बारे में भी बात करेगा. साइप्रस ने कहा है कि वह भारत के साथ तुर्की की उसके खिलाफ की जा रही उकसावे वाली कार्रवाई पर भी बात करेगा.
किन समझौतों पर करेगा हस्ताक्षर?
साइप्रस के विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों मंत्री रक्षा और सैन्य सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे, साथ ही साइप्रस को ग्लोबल सोलर एनर्जी एलायंस में शामिल करने के दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर करेंगे. उन्होंने कहा कि इस दौरान वहां के इंटीरियर मिनिस्टर श्री निकोस नूरिस भी भारत के विदेश मंत्री के साथ इमिग्रिशन के मुद्दे पर भारत के साथ बातचीत शुरू करने को लेकर एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे.
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30 दिसंबर दोनों देशों के मंत्री साइप्रस-भारत व्यापार (Cyprus-India Trade) मंच को संबोधित करेंगे जो साइप्रस और भारत व्यापार क्षेत्रों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में लिमासोल में होगा. इसी दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर वहां की स्पीकर एनीटा देमेट्रियो (Annita Demetriou) से भी मुलाकात करेंगे. भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक साइप्रस के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ऑस्ट्रिया के दौरे पर निकल जाएंगे.