HP Election 2022: हिमाचल प्रदेश में शनिवार को एक ही चरण में संपन्न विधानसभा की 68 सीटों के लिए हुए मतदान में करीब 66 प्रतिशत वोट पड़े हैं. राजधानी शिमला से लेकर प्रदेश के ऊंचाई वाले बर्फ से ढके स्पीति तक, लोगों ने ठंड और बर्फबारी के बावजूद नई सरकार को चुनने के लिए मतदान किया. तापमान में गिरावट और अधिक उम्र भी बुजुर्ग लोगों के उत्साह को कम न कर सकी और उन्होंने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. 105 वर्षीय नारो देवी ने चंबा के चूराह में वोट डाला जबकि 103 साल के सरदार प्यार सिंह ने शिमला में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
भारी हिमपात के बीच हुए चुनाव और मतदान अधिकारियों की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही हैं, जिसमें चुनाव अधिकारी 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए 6 घंटे तक बर्फ में 15 किलोमीटर पैदल चलते हुए दिखाई दे रहे हैं. दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र ताशीगंग में 100 फीसदी मतदान हुआ.
चुनाव आयोग ने शेयर किया वीडियो
;चुनाव आयोग ने ऊंचे पहाड़ों पर हिमपात के बावजूद मतदान करने जाते लोगों की तस्वीर साझा करते हुए कहा, ‘‘भारमौर राज्य में सबसे सुदूर जगह है और उससे सबसे निकट की सड़क 14 किलोमीटर की दूरी पर है. भारी हिमपात के बाद भी मतदाताओं का गजब उत्साह.’ आयोग ने 15,256 फुट की ऊंचाई पर लाहौल-स्पीति के ताशिगांग, काजा इलाके में सबसे ऊंची जगह पर भी मतदान केन्द्र बनाया था जहां 52 मतदाता हैं.
News Reels
#WATCH | Polling parties returning back from Chasak Batori polling station in Bharmaur Assembly Constituency in Pangi area of Chamba district. They walked around 15km in snow for 6 hours#HimachalPradeshElections pic.twitter.com/BvZNvoWAfu
— ANI (@ANI) November 12, 2022
देश के पहले वोटर श्याम सरन नेगी को लोगों ने किया याद
आयोग ने राज्य भर के मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था की थी. आयोग ने कहा कि चासक बाटपरी (83) उन लोगों में शामिल थीं जिन्होंने भारी हिमपात के बावजूद चंबा के सुदूर भारमौर निर्वाचन क्षेत्र में वोट डाला. भारत के पहले मतदाता 106 वर्षीय श्याम सरन नेगी का घर हिमाचल में ही था जिनका कुछ दिन पहले इस चुनाव की खातिर डाक मतपत्र से वोट डालने के बाद निधन हो गया था.
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