Five Arrests In Miya Museum Case Alleging Links With Terrorist Organizations

Five Arrested In Miya Museum Case: असम मिया परिषद के अध्यक्ष और महासचिव समेत पांच लोगों को आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने के आरोप में कठोर गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. असम के गोलपाड़ा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत आवंटित एक घर में स्थापित विवादास्पद ‘मिया संग्रहालय’ को मंगलवार को सील किए जाने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है.

पुलिस ने कहा कि मिया परिषद के अध्यक्ष एम मोहर अली को गोलपाड़ा जिले के दपकाभिता में संग्रहालय से उस समय पकड़ा गया जब वह धरने पर बैठा था, जबकि इसके महासचिव अब्दुल बातेन शेख को मंगलवार रात धुबरी जिले के आलमगंज स्थित उसके आवास से हिरासत में लिया गया था. उन्होंने बताया कि रविवार को संग्रहालय का उद्घाटन करने वाले अहोम रॉयल सोसाइटी के सदस्य तनु धादुमिया को डिब्रूगढ़ के कावामारी गांव में उसके आवास से हिरासत में लिया गया. वह पहले आम आदमी पार्टी में था.

इन आतंकी संगठनों के साथ संबंध के आरोप

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन तीनों को ‘अलकायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट’ (एक्यूआईएस) और ‘अंसारुल बांग्ला टीम’ (एबीटी) संगठनों के साथ संबंध के आरोप में जांच और पूछताछ के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत घोगरापार थाने में दर्ज एक मामले के संबंध में नलबाड़ी ले जाया गया. नलबाड़ी जिले के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हाल में गिरफ्तार कुछ चरमपंथियों से पूछताछ के बाद इन तीनों का नाम सामने आया था.

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आरोपियों को भेजा गया पुलिस हिरासत में

पुलिस ने कहा कि दो अन्य व्यक्तियों-सादिक अली और जेकीबुल अली को पिछले सप्ताह बारपेटा के हाउली और नलबाड़ी के घोगरापार से कट्टरपंथी संगठनों के साथ उनके कथित संबंधों के चलते पकड़ा गया था. पुलिस ने कहा कि दोनों को नलबाड़ी पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया था, लेकिन ‘मिया संग्रहालय’ की स्थापना से उनका कोई लेना-देना नहीं है. बुधवार को सभी पांचों लोगों को अदालत में पेश किया गया जिनमें से अली, शेख और धादुमिया को दो दिन की, जबकि दो अन्य को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

मिया म्यूजियम को किया गया सील

गौरतलब है कि सरकारी अधिकारियों की एक टीम ने मंगलवार को दपकाभिता में ‘मिया संग्रहालय’ को सील कर दिया था और नोटिस लगाया था कि यह उपायुक्त के आदेश पर किया गया है. उन्होंने बताया कि संग्रहालय में कुछ कृषि और मत्स्य उपकरण, तौलियां और ‘लुंगी’ प्रदर्शित की गई थीं. हिरासत में लिए जाने से पहले अली अपने दो नाबालिग बेटों के साथ अपने घर के बाहर धरने पर बैठा था और संग्रहालय को तुरंत दोबारा खोलने की मांग कर रहा था. अली ने कहा, “हम उन वस्तुओं को प्रदर्शित कर रहे हैं जिससे समुदाय अपनी पहचान जोड़ता है ताकि अन्य समुदाय के लोग महसूस कर सकें कि ‘मिया’ उनसे अलग नहीं हैं.”

बता दें कि असम में ‘मिया’ शब्द बांग्ला भाषी प्रवासियों के संदर्भ में इस्तेमाल किया जाता है, जिनकी जड़ें बांग्लादेश से जुड़ती हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेताओं ने इस संग्रहालय को तत्काल बंद करने की मांग की थी और पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य अब्दुर रहीम जिब्रान ने पीएमएवाई (प्रधानमंत्री आवास योजना) के तहत आवंटित घर में संग्रहालय की स्थापना के खिलाफ लखीपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई. वहीं मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सर्मा ने मंगलवार को कहा था कि ‘मिया’ समुदाय के कुछ सदस्यों की ऐसी गतिविधियां ‘असमी पहचान’ के लिए खतरा उत्पन्न करती हैं.

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By jaghit