Sukesh Chandrasekhar Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार (7 अक्टूबर) को कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है. सीबीआई (CBI) ने ये आरोपपत्र फर्जी फोन नंबर से रंगदारी वसूलने के मामले में दाखिल किया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा जिन लोगों की जांच की जा रही थी उन लोगों से कथित तौर पर फर्जी फोन नंबर (स्पूफिंग) के जरिये नौ करोड़ रुपये से ज्यादा की रंगदारी वसूलने के मामले में यह आरोपपत्र दायर किया गया है.
तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, चेंगलपट्टू के समक्ष दायर अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपी ने कथित तौर पर डिजिटल उपकरणों का उपयोग करके प्रतिरूपण कर धोखा देने की साजिश रची. एजेंसी ने अपने आरोपपत्र में सुकेश चंद्रशेखर और उसके कानूनी मामलों को देखने वाले संजय जैन का नाम लिया है.
चंद्रशेखर पर धोखाधड़ी के कई मामले हैं दर्ज
चंद्रशेखर विभिन्न एजेंसियों द्वारा प्रतिरूपण और धोखाधड़ी के लिए कई मामलों का सामना कर रहा है. सीबीआई ने मई 2020 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक मामला दर्ज किया था और 2019 में दर्ज एक प्राथमिकी की जांच अपने हाथ में ले ली थी, जो पहले पुलिस स्टेशन डीसीबी, तिरुवल्लूर, चेन्नई (तमिलनाडु) में आरोपी के खिलाफ दर्ज की गई थी.
क्या है सीबीआई का आरोप?
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “आरोपियों में से एक (चंद्रशेखर) ने अक्टूबर, 2019 के दौरान हिरासत में पैरोल पर रहते हुए कथित रूप से अपराध किया था और कॉल स्पूफिंग तकनीकों का उपयोग करके, खुद को भारत सरकार का वरिष्ठ अधिकारी बताते हुए ऐसे कई लोगों को फोन किया जो विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा विभिन्न आपराधिक मामलों में जांच का सामना कर रहे थे.” एजेंसी ने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर (Sukesh Chandrasekhar) ने उनके मामलों को निपटाने के आश्वासन पर उनसे रिश्वत के रूप में धन की उगाही की, लेकिन उसने अपने निजी इस्तेमाल के लिए इसका दुरुपयोग किया.
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