PM Cares For Children Scheme: कोविड महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के लिए शुरु की गई पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना के तहत प्राप्त लगभग 51 फीसदी आवेदनों को खारिज कर दिया गया है. यह योजना 29 मई, 2021 को उन बच्चों की सहायता करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, जिन्होंने 11 मार्च, 2020 से 5 मई, 2023 के बीच कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता को खो दिया था.
613 जिलों से 9,331 आवेदन मिले
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार योजना के तहत 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 613 जिलों से कुल 9,331 आवेदन प्राप्त हुए थे. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 558 जिलों से केवल 4,532 आवेदनों को मंजूरी दी गई, जबकि 4,781 आवेदनों को खारिज कर दिया गया. कुल 18 आवेदनों की मंजूरी लंबित है.
मंत्रालय की ओर से इसे खारिज करने का कोई खास कारण नहीं बताया गया है. राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने क्रमश: 1,553, 1,511 और 1,007 आवेदनों के साथ सबसे अधिक आवेदन दर्ज किए. इनमें से महाराष्ट्र के 855, राजस्थान के 210 और उत्तर प्रदेश के 467 आवेदनों को मंजूरी दी गई.
इस योजना के तहत मिलती है ये सुविधाएं
इस योजना का उद्देश्य बच्चों की निरंतर व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना, स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना, शिक्षा के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाना और 23 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाना है.
कोविड में अनाथ बच्चों के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में स्कॉलरशिप फॉर पीएम केयर्स चिल्ड्रन नाम से एक नई योजना भी तैयार की गई थी. इस योजना के तहत हर बच्चे को 20 हजार रुपया छात्रवृत्ति भत्ता के रूप में और 1000 रुपया पति महिना मासिक भत्ता और स्कूल फीस किताबों और ड्रेस के लिए मिलते हैं. इसके अलावा अन्य शैक्षिक उपकरण के लिए 8000 रुपये का वार्षिक शैक्षणिक भत्ता मिलता है.
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