Vampire Virus: अमेरिका के वैज्ञानिकों ने ‘वैंपायर वायरस’ की खोज की है. अब तक ऐसे वायरस को लेकर कोई जानकारी मौजूद नहीं है. इस खतरनाक वायरस से होने वाली बीमारी को ‘मिनीफ्लेयर’ कहा जाता है और ये अन्य वायरसों से खुद को जोड़ सकता है. ये खोज अमेरिका के बाल्टीमोर राज्य में मैरीलैंड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर टैगाइड डेकार्वाल्हो के जरिए की गई. रिसर्च को ‘जर्नल ऑफ द इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर माइक्रोबियल इकोलॉजी’ में पब्लिश किया गया है.
दरअसल, इस अजीबोगरीब वायरस की खोज एक क्लास प्रोजेक्ट के तौर पर हुई, जिसका नेतृत्व प्रोफेसर डेकार्वाल्हो कर रही थीं. इस क्लास प्रोजेक्ट में उनके स्टूडेंट्स शामिल थे. प्रोफेसर डेकार्वाल्हो ‘कीथ आर. पोर्टर इमेजिंग फैसिलिटी’ को मैनेज करती हैं. उन्होंने अपने स्टूडेंट्स जेनेल ल्यूस और हीरा अहमद की मदद से मैरीलैंड के पोल्सीविले में मौजूद एक इलाके की जमीन से इस वायरस को अलग किया था. प्रोफेसर डेकार्वाल्हो के जरिए मिट्टी के सैंपल 2019 में लिए गए थे.
रिसर्च के दौरान क्या मिला?
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर डेकार्वाल्हो ने अपने एनालिसिस के दौरान दो बैक्टीरियोफेज पाए. एक मिनीफ्लेयर और दूसरा माइंडफ्लेयर, दोनों वायरस बैक्टीरिया को संक्रमित कर सकते हैं और फिर उनके भीतर घुसकर जगह बनाने लगते हैं. हालांकि, मिनीफ्लेयर में कुछ अजीबोगरीब चीजें देखने को मिलीं. इसने अन्य वायरसों से मिलने वाली मदद का इंतजार किए बिना दूसरे सैटेलाइट वायरसों की तरह इंतजार नहीं किया, बल्कि वह बैक्टीरिया पर हावी होने लगा.
प्रोफेसर डेकार्वाल्हो की साथी इवान एरिल ने कहा, ‘मिनीफ्येलर ने बैक्टीरिया पर हमला करने को अपने विकास की तरह देखा. इंतजार करने के बजाय इसने बैक्टीरिया पर हमला शुरू कर दिया. ये बैक्टीरिया से उस तरह से चिपक गया, जैसे हॉरर फिल्मों में वैंपायर इंसानों के गले पर चिपककर खून पीने लगते हैं’ प्रोफेसर का कहना है कि वायरस कमाल की चीजें कर सकते हैं, लेकिन ये बिल्कुल नया है. इस तरह के वायरस इंसानों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.
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