Mizoram Assembly Election 2023 Four Important Assembly Constituency Which Factor Will Impact Result

Mizoram Assembly Election 2023: मिजोरम में 7 नवंबर को होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है. जैसे-जैसे वोटिंग की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ती जा रही है. चुनाव प्रचार का दौर भी शुरू हो चुका है. 40 सीटों वाली मिजोरम विधानसभा में फिलहाल मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के पास बहुमत है.

एमएनएफ ने यहां 2018 में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल किया था. इस बार भी यहां की कई सीटों पर काफी रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है. यहां हम आपको बता रहे हैं ऐसी 4 सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों के बारे में जिन पर सबकी नजर रहेगी. साथ ही बताएंगे यहां के बड़े मुद्दे जो नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं.

इन चार विधानसभा सीटों पर रहेगी नजर

1. आइजोल पूर्व-I: इस विधानसभा सीट पर लोग सबसे अधिक नजर लगाए बैठे हैं. यहां निवर्तमान मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. ज़ोरमथांगा ने 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां जीत हासिल की थी. इस बार उनका मुकाबला ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के उपाध्यक्ष लालथानसांगा से होगा. आइजोल ईस्ट-I पारंपरिक रूप से कभी कांग्रेस का गढ़ था. ऐसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है.

2. सेरछिप: सेरछिप विधानसभा क्षेत्र को लेकर भी काफी चर्चाएं हो रही हैं. यहां से जेडपीएम नेता और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालडुहोमा ताल ठोक रहे हैं. वह वर्तमान में इस सीट से विधायक हैं. इस बार उनका मुकाबला एमएनएफ के नवागंतुक जे. माल्सावमज़ुअल वानचावंग और कांग्रेस उम्मीदवार आर. वानलालट्लुआंगा से है. लालडुहोमा ने 2018 में इस सीट से पांच बार के मुख्यमंत्री ललथनहवला को मात दी थी. इस बार यहां माल्सावमज़ुअल वानचावंग के आने से मुकाबला औऱ रोमांचक हो गया है.

3. हच्छेक: त्रिपुरा सीमा के पास मिजोरम के ममित जिले में स्थित हच्छेक विधानसभा सीट पर मौजूदा कांग्रेस विधायक लालरिंडिका राल्टे और वर्तमान राज्य खेल मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे के बीच कड़ा मुकाबला होगा. एमएनएफ नेतृत्व ने रणनीतिक रूप से राल्टे को यहां शिकस्त देने के लिए रोयटे को इस निर्वाचन क्षेत्र में भेजा है. यह निर्वाचन क्षेत्र परंपरागत रूप से कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन रोयटे को एक मजबूत दावेदार माना जाता है. मुख्य विपक्षी दल जेडपीएम ने के.जे. को मैदान में उतारा है. लालबियाकनघेटा ने इस रेस को और भी दिलचस्प बना दिया है.

4. आइजोल पश्चिम-III: आइजोल पश्चिम-III में भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. एमएनएफ, जेडपीएम और कांग्रेस के बीच यहां कड़ी फाइट है. निवर्तमान जेडपीएम विधायक वी.एल. ज़ैथनज़ामा का मुकाबला पूर्व वित्त मंत्री और वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष लालसावता और एमएनएफ उम्मीदवार के. सॉमवेला से होगा. यह निर्वाचन क्षेत्र इसलिए भी खास है क्योंकि 2008 में इसके निर्माण के बाद से किसी भी पार्टी ने इसे लगातार नहीं जीता है.

ये मुद्दे करेंगे यहां के नतीजे प्रभावित

  • पड़ोसी राज्य मणिपुर में पांच महीने से चल रहे जातीय संघर्ष का मिजोरम के चुनाव पर खासा असर पड़ने की उम्मीद है. राज्य वर्तमान में लगभग 72,000 शरणार्थियों की मेजबानी कर रहा है, जिनमें मणिपुर के कुकी और फरवरी, 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार से भाग गए लोग भी शामिल हैं. शरणार्थी संकट से निपटना एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया है, विपक्ष ने राज्य सरकार पर अयोग्यता का आरोप लगाया है. सत्तारूढ़ दल केंद्रीय सहायता की मांग कर रहा है.
  • अन्य प्रमुख मुद्दों में असम और मिजोरम के बीच चल रहा सीमा विवाद और राज्य में नशीली दवाओं की बढ़ती तस्करी शामिल है. 2021 में असम-मिजोरम सीमा पर हिंसक झड़पों में कई लोग हताहत हुए थे और बातचीत से अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है.

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By jaghit