केरल कहानी विवाद: फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ विवादों में बनी हुई है. पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिल्म राज्य में बैन कर रखी है. इसके बावजूद भी अब बीजेपी ने इसकी स्पेशल स्क्रीनिंग करते हुए नया बवाल खड़ा कर दिया है. स्क्रीनिंग का आयोजन बीजेपी के बरुईपुर जिला कार्यालय में किया गया था. इस दौरान बीजेपी की उत्तर 24 परगना जिला अध्यक्ष फाल्गुनी पात्रा पार्टी की महिला विंग की कार्यकर्ताओं के साथ मौजूद थीं.
फाल्गुनी पात्रा ने फिल्म देखने के बाद संवाददाताओं से कहा, “हमने फिल्म पर राज्यव्यापी प्रतिबंध का पालन करते हुए एक निजी स्क्रीनिंग का विकल्प चुना. हमने जागरूकता और सतर्कता फैलाने के लिए इसकी स्क्रीनिंग को केवल कार्यालय के अंदर किया. हमारा उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं था.’
‘निजी तौर पर देख सकते हैं फिल्म’
पात्रा ने कहा कि उन्होंने पहले कानून के बारे में जाना. लोग इसे निजी तौर पर देख सकते हैं. फिल्म को ऑनलाइन प्रसारित किया जा रहा है. बहुत से लोगों ने उन्हें फिल्म को अलग-अलग वेबसाइटों से डाउनलोड करने के लिए लिंक भेजे हैं. बैन को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए पहले इन वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए.
टीएमसी के वरिष्ठ नेता शशि पांजा ने कहा कि हर किसी को यह समझना होगा कि ‘द केरला स्टोरी’ पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया. बीजेपी का एजेंडा धर्म, जाति और ध्रुवीकरण की राजनीति के आधार पर विभाजन को बढ़ावा देना रहा है. उनकी समझ सिर्फ ममता बनर्जी की बातों को खारिज करने की है.
तमिलनाडु में मल्टीप्लेक्स स्क्रीनिंग पर रोक
फिल्म को पश्चिम बंगाल में प्रतिबंधित कर दिया गया है और तमिलनाडु में मल्टीप्लेक्स ने इसकी स्क्रीनिंग रोक दी है. जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे बीजेपी शासित राज्यों ने इसे टैक्स फ्री कर दिया है. सुदीप्तो सेन की फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ में दावा किया गया है कि कैसे केरल की महिलाओं को इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया गया और आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (IS) के लिए लड़ने के लिए सीरिया भेजा गया.
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