Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होने वाली है. श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने तीर्थयात्रियों के लिए ऑनलाइन हेलीकॉप्टर बुकिंग शुरू कर दी है. जबकि जम्मू के प्राइवेट कैब ऑपरेटरों ने देशभर से आने वाले तीर्थयात्रियों और साधुओं के झुंड के लिए रेलवे स्टेशन और श्री अमरनाथ जी बेस कैंप के बीच मुफ्त पिक एंड ड्रॉप सेवा देने का फैसला किया है. जम्मू में आधार शिविरों में पहुंचना शुरू हो गया है.
अमरनाथ की 62 दिवसीय तीर्थयात्रा 1 जुलाई को दो ट्रैक से शुरू होगी. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, श्रीनगर, बालटाल और पहलगाम रूट से उपलब्ध होने वाली सेवा के लिए हेलीकॉप्टर की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गई.
अब तक 3 लाख यात्रियों ने कराया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
सूत्रों से जानकारी मिली है, इस साल हेलीकॉप्टर से यात्रा का किराया नहीं बढ़ाया गया है. वहीं अब तक लगभग 3 लाख यात्रियों ने यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है. इस साल लगभग पांच लाख भक्तों के गुफा मंदिर में आने की उम्मीद है. हेलीकॉप्टर टिकट की बुकिंग श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए की जाएगी.
ग्लोबल वेक्ट्रा हेलीकॉप्टर लिमिटेड और एरो एयरक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड बालटाल रूट के लिए सर्विस ऑपरेटर हैं जबकि हेरिटेज एविएशन प्राइवेट लिमिटेड पहलगाम रूट के लिए ऑपरेटर होगी. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एम एस पवन हंस लिमिटेड संचालकों की सेवाएं श्रीनगर से पवित्र तक संचालित होगी.
62 दिनों की है यात्रा
जम्मू प्रांत टूरिस्ट टैक्सी ऑपरेटर फेडरेशन (जेपीटीटीओएफ) ने अपनी तरह के पहले प्रयास के तहत टैक्सी यूनियन रेलवे स्टेशन के साथ तीर्थयात्रियों को मुफ्त तस्वीर और ड्रॉप सेवा देने का फैसला किया. कैब यूनियन के अध्यक्ष इंद्रजीत शर्मा ने कहा कि तीर्थयात्रियों को स्टेशन से लाने और बेस कैंप तक छोड़ने के लिए यात्रा के 62 दिनों की अवधि के दौरान कैब रेलवे स्टेशन पर खड़ी रहती हैं. कैब संचालक तीर्थयात्रियों को शुल्क शुल्क सेवा पिक एंड ड्रॉप सेवा मुहैया कराएंगे.
उन्होंने कहा, शुरू में 10 कैब को सेवा में लगाया जाएगा और अगर जरूरी हुआ तो कैब का बेड़ा बढ़ाया जाएगा. इसके अलावा, महिलाओं सहित 200 से अधिक साधु पुरानी मंडी के राम मंदिर के आधार शिविर में पहुंचे हैं. साधु दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर में अपनी प्रार्थना करने के लिए उत्साहित हैं.साधुओं के जत्थे सहित तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 30 जून को जम्मू से रवाना होगा.
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