Climate Change Report: दुनिया इस समय जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से जूझ रही है. इस बीच, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चिंता जाहिर की गई है.
आइए इस रिपोर्ट की दस महत्वपूर्ण बातें आपको बताते हैं:
1- डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में यूरोप में कम से कम 15,700 मौतों के पीछे कारण हीटवेव रहा है. इसके साथ ही कहा गया है कि बाढ़ और गर्मी ने हर महाद्वीप पर समुदायों को प्रभावित किया. इससे निपटने के लिए भरसक प्रयास किए गए, अब अरबों डॉलर खर्च किए जा चुके हैं लेकिन हालात में बहुत बदलाव देखने को नहीं मिला है.
2- विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की 2022 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्मी में फंसने वाली ग्रीनहाउस गैसों के रिकॉर्ड स्तर ने वैश्विक स्तर पर सूखे, बाढ़ और गर्मी में वृद्धि की है. पिछले आठ वर्षों में वैश्विक औसत तापमान रिकॉर्ड में सबसे अधिक रहा है. साल 2022 में यह 1850-1900 के औसत से 1.15 डिग्री सेल्सियस अधिक था.
3- 2022 में तीन ग्रीनहाउस गैसों – कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड के स्तर में वृद्धि जारी है.
4- द स्टेट ऑफ़ द ग्लोबल क्लाइमेट 2022 नाम की यह रिपोर्ट, गर्मी सोखने वाली ग्रीनहाउस गैसों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के कारण भूमि, समुद्र और वातावरण में वैश्विक स्तर के बदलाव को दर्शाती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले आठ वर्षों में वैश्विक औसत तापमान रिकॉर्ड में सबसे अधिक रहा. गौरतलब है 2022 में ग्लेशियरों का पिघलना और समद्र के स्तर में वृद्धि फिर से रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.
5- डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेटेरी तालस ने आज एक बयान में कहा कि जैसे-जैसे ग्रीनहाउस गैस एमिशन में वृद्धि हो रही है, वैसे-वैसे जलवायु में परिवर्तन गति पकड़ रहा है. इससे दुनिया भर की आबादी गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है.
6- उदाहरण के लिए, 2022 में, पूर्वी अफ्रीका में लगातार सूखा, पाकिस्तान में रिकॉर्ड तोड़ बारिश और चीन और यूरोप में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी ने करोड़ों लोगों को प्रभावित किया. जिससे फसलों की उपज प्रभावित हुई.
7- 2022 में भारत में मॉनसून का आगमन पहले हुआ था और वापसी सामान्य समय के बाद हुई. भारत और पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्री-मॉनसून अवधि में असाधारण रूप से गर्मी थी. अत्यधिक गर्मी ने अनाज की पैदावार को कम कर दिया. भारत में अत्यधिक गर्मी के पीछे जंगलों में लगने वाली आग को जिम्मेदार बताया गया .
8- भारत और पाकिस्तान में 2022 प्री-मॉनसून सीज़न में हीटवेव के कारण फसल की पैदावार में गिरावट आई. इसके साथ ही जुलाई और अगस्त में रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी, जिसमें 1,700 से अधिक मौतें हुईं, और 33 मिलियन लोग प्रभावित हुए, वहीं लगभग 8 मिलियन लोग विस्थापित हुए.
9- रिपोर्ट के अनुसार, 2021 तक, 2.3 बिलियन लोगों को खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा, जिनमें से 924 मिलियन लोगों को गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में 767.9 मिलियन लोग कुपोषण का सामना कर रहे हैं, जो वैश्विक आबादी का 9.8% है. इनमें से आधे एशिया में और एक तिहाई अफ्रीका में हैं.
10- गर्मियों के दौरान रिकॉर्ड तोड़ लू ने यूरोप को बुरी तरह प्रभावित किया. कुछ इलाकों में अत्यधिक गर्मी के साथ असाधारण शुष्क परिस्थितियां भी थीं. यूरोप में गर्मी से जुड़ी अतिरिक्त मौतें स्पेन, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस और पुर्तगाल में कुल मिलाकर 15 000 से अधिक हो गईं.
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