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Ukrainian Kid’s Bomb Proof Classrooms In Underground Bunkers : “हुआ सवेरा ज़मीन पर फिर अदब से आकाश अपने सिर को झुका रहा है कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं…” निदा फाजली का ये शेर बच्चों के स्कूल जाने के पाक मकसद की तरफ इशारा करता है. लेकिन इस वक्त यूक्रेन के बच्चों (Ukrainian Kids) के लिए जमीं पर सवेरा तो हो रहा है, लेकिन ये सवेरा बमों की रोशनी का है. इन बच्चों के लिए आकाश बीते फरवरी से अदब से झुक नहीं रहा बल्कि बमों की बरसात कर रहा है.
इस सबके सबके बीच भी तालीम की रोशनी पाने का जज्बा और उसकी कोशिशें जंग का सामना कर रहे है यूक्रेन (Ukraine) को दुनिया के दूसरे देशों से एक अलग पायदान पर लाकर खड़ा कर देती हैं. यहां जंग के इन खतरनाक हालातों में भी तालीम की अहमियत समझी गई है. रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine War) जंग के बीच राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) की सोच और देश के नौनिहालों के मुस्कबिल की फिक्र काबिले-तारीफ है. यहां के बच्चों की पढ़ाई जंग के दौरान भी चल रही है. यूक्रेन के बच्चे बम प्रूफ क्लास रूम (Bomb-Proof Classrooms) में जमीन के नीचे बने बंकर्स (Bunkers) में अपने नए सत्र (New Term) की शुरुआत कर रहे हैं.
यूक्रेनी स्कूलों में तैयार है बंकर क्लास रूम भी
यूक्रेन में स्कूलों (Ukraine) ने स्टूडेंट्स का स्वागत डेस्क, खिलौने, कंबल और प्राथमिक चिकित्सा किट के साथ बंकरों में किया है,क्योंकि रूसी सेना अभी भी इस युद्धग्रस्त देश पर हावी होने की कोशिशें नहीं छोड़ रही है. सबसे खास और अनोखी बात है कि इस माहौल से बच्चों के दिल और जेहन में डर न बैठे और वो अपनी पढ़ाई सामान्य दिनों की तरह जारी रख पाएं. इसके लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की खुद स्कूली बच्चों के साथ उनकी क्लास में बैठे नजर आ रहे हैं.पोल्टावा (Poltava) क्षेत्र में भूमिगत बंकर में रंगीन डेस्क ये बताने के लिए काफी हैं कि कैसे वॉर के बीच बच्चों के लिए उसी तरह का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है जैसे सामान्य दिनों में होता था. कीएव (Kyiv), शेर्निवत्सी और लवीव जैसे क्षेत्रों में भी बिल्कुल इसी तरह से इन बंकर क्लास रूम को तैयार किया गया है. गौरतलब है कि इस देश में कई स्कूल क्षतिग्रस्त हुए हैं तो कई स्कूल बर्बाद हो चुके हैं.यूक्रेन के महाअभियोजक (Prosecutor General ) के मुताबिक रूस-यूक्रेन वॉर में फरवरी से अब-तक यूक्रेन के 2300 शैक्षणिक संस्थान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 286 पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं.
पहली सिंतबर को 60 लाख यूक्रेनी बच्चे स्कूल लौटे
1 सितंबर को 60 लाख यूक्रेनी बच्चों ने अपने पैरेंट्स के साथ स्कूलों का रूख किया. यहां स्कूलों ने पैरेट्स को रिमोट (Remote) और इन पर्सन टीचिंग (In-Person Teaching) में से एक विकल्प चुनने को कहा. हालांकि इसके साथ ही ये भी साफ कर दिया गया है कि जिन स्कूलों को पुतिन की सेनाओं के बमबारी के हमलों का लगातार सामना नहीं करना पड़ रहा है केवल उन्हीं स्कूलों में इन पर्सन टीचिंग होगी. इससे पैरेट्स के पास बच्चों को अपनी इच्छा के मुताबिक ऑनलाइन लर्निंग देने का विकल्प भी खुला है
बेसमेंट बने बॉम्ब शेल्टर
जहां स्कूलों ने अपने दरवाजे बच्चों के लिए खोले तो यहां के टीचर भी इस काम में पीछे नहीं है. टीचर्स ने बेसमेंट्स को बम से बचाव की जगहों (Bomb Shelters) में बदल दिया है. रंग-बिरंगे खिलौने, डेस्क-बैंच से ये बेसमेंट बेसमेंट कम स्कूल की क्लास अधिक नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही टीचर्स को हमला होने की स्थिति में क्या करना है इसके लिए भी ट्रेनिंग दी गई है.क्लास में आने वाले बच्चों को आपातकालीन बैग (Emergency Bag) के साथ ही इसमें एक जोड़ी कपड़े भी बदलने के लिए रखने हैं.
जेलेंस्की बैठे बच्चों संग क्लास रूम में
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ज़ेलेंस्की जंग के बीच खुद ही इन बंकरक्लास रूम्स का जायजा लेने कई इलाकों में पहुंच रहे हैं. गुरुवार को ऐसे ही एक स्कूल पहुंचे. दरअसल ये स्कूल मार्च में रूस के हमले में क्षतिग्रस्त हो गया था. अब ये स्कूल अपने 1,300 स्टूडेंट्स का स्वागत करने के लिए दोबारा से तैयार हैं. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने स्कूल के बेसमेंट का जायजा लिया. इसे हवाई हमलों (Air Raids) से स्टूडैंट को बचाने और उन्हें पनाह देने के लिए तैयार किया गया है. इस दौरान उन्होंने कहा, “हम ये सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि यूक्रेन की जंग में बर्बाद हुआ हर शैक्षणिक संस्थान फिर से शुरू हो जाए, और हमारे बच्चे सुरक्षित हों और कुछ भी उनके ज्ञान प्राप्त करने की राह का रोड़ा न बने.” राष्ट्रपति जेलेंस्की इरपिन (Irpin) में स्कूली बच्चों के साथ उनके क्लास रूम में बैठे और नए सत्र के लिए उनका स्वागत किया.
छात्रों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता
इन नई अंडर ग्राउंड क्लास की कुछ फोटोज मध्य यूक्रेन के पोल्टावा क्षेत्र के गवर्नर दिमित्रो लुनिन (Dmytro Lunin)ने शेयर की हैं.यूक्रेन के पोल्टावा क्षेत्र में किंडरगार्टन के बंकर में कुर्सियां और खिलौने का भी अच्छा इंतजाम किया गया है.यूक्रेन के पोल्टावा (Poltava) क्षेत्र के किंडरगार्टन के बंकर में कुर्सियां और रंग-बिरंगे खिलौने बच्चों को युद्ध की विभिषिका के बीच जिंदगी से जोड़ रहे हैं.
हैं गवर्नर दिमित्रो लुनिन का कहना है कि स्टूडेंट की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.उन्होंने कहा, “पोल्टावा कई स्वरूपों में शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत के लिए तैयार है, फिर जिस भी शिक्षा के तरीके को बच्चों के पैरेंट्स चुने ये उन पर छोड़ा गया हैं.”
गर्वनर लुनिन ने कहा, “हमारी प्राथमिकता हमेशा बच्चों की सुरक्षा ही रहेगी. यूक्रेनी रक्षकों को हम थैंक्स कहते हैं.पोल्टावा क्षेत्र के बच्चे ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई कर सकते हैं.” उन्होंने बताया कि उनके इलाके में बम प्रूफ स्कूल बनाने की प्रक्रिया जोरों पर है.उन्होंने कहा, “क्षेत्र में 533 स्कूल हैं – उनमें से 160 में बंकर क्लासरूम तैयार हैं और लगभग 130 और तैयारी की प्रक्रिया में हैं.” इस देश में केवल स्कूल प्रशासन ही नहीं बल्कि जिला और यहां के समुदाय के लोग वह सब कुछ कर रहे हैं जिससे स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को पुख्ता किया जा सके. सबका मानना है कि बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले आती है.
बोरोडयांका का स्कूल बना नई पहल का अगवा
गौरतलब है कि यूक्रेन की राजधानी कीवए (Kyiv) के ठीक उत्तर में बोरोडयांका शहर (Borodyanka) में जब इस सप्ताह शिक्षक और छात्र अपने स्कूल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि रूसी सैनिकों ने उनके स्कूल को पूरी तरह से कूड़ा घर बना दिया था. इस स्कूल के शिक्षकों और बच्चों की स्कूल आने की चाह ही यूक्रेन में अंडर ग्राउंड बंकर्स में बम प्रूफ क्लास रूम की प्रेरणा बना. गौरतलब है कि मार्च में इस शहर में रूसी सेना के हमलों ने भयकंर तबाही मचाई थी. दि गॉर्जियन (The Guardian) की रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षकों ने यहां पहुंचने पर पाया कि रूसी सैनिकों ने बच्चों के क्लास रूम्स को टॉयलेट की तरह इस्तेमाल किया था.
उन्होंने हर जगह कूड़ा फैला रखा था. स्कूल के व्हाइटबोर्ड, पीई उपकरण, टीवी और कंप्यूटर सब बर्बाद कर डाला था. उन्होंने दीवारों को यूक्रेन विरोधी और रूस समर्थक ग्रेफेटी (Graffiti) से पाट डाला था और स्कूल के पीछे खाईयां खोदीं थीं. मिसाइल हमलों (Missile Strikes) से उड़ाए जाने के बाद स्कूल की लगभग सभी खिड़कियां प्लास्टिक की चादरों से ढकी हुई हैं. इस स्कूल के हेडमास्टर इना रोमानियुक (Inna Romaniuk) ने कहा कि स्कूल ठीक होने की प्रक्रिया में है और उन्हें अगले साल तक इसके फिर से खुलने की उम्मीद है.
यूक्रेनी बच्चों को रूसी पाठ्यक्रम पढ़ाने की कवायद
यूक्रेन के पूर्व और दक्षिण में सैकड़ों हजारों यूक्रेनी बच्चे रूसी शासन के अधीन रह रहे है. वहां मास्को (Moscow) एक नया रूसी पाठ्यक्रम (Russian Curriculum) लागू करने की कोशिश कर रहा है. यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक जो शिक्षक यहां सहयोग करने से इंकार करते हैं. उनका अपहरण करने के साथ ही उन्हें कठोर यातना सहित सजा का सामना करना पड़ता है.
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