External Affairs Minister S Jaishankar: विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लॉवरोव से बातचीत की. भारत और रूस इस बैठक में यूक्रेन में युद्ध के साथ-साथ विशेष क्षेत्रीय चिंताओं के बीच वैश्विक स्थिति पर चर्चा करेंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के संबंध ‘असाधारण’ रूप से दृढ़ और समय की कसौटी पर खरे साबित हुए हैं.
विदेश मंत्री ने यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर कहा, “भारत दोनों देशों के बीच बातचीत की वापसी को दृढ़ता से दोहराता है.” जयशंकर ने कहा, “जहां तक अंतरराष्ट्रीय स्थिति की बात है, पिछले कुछ वर्षों में कोविड महामारी, फाइनेंशियल प्रेशर और ट्रेड संबंधी कठिनाइयों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर डाला है. वहीं अब हम इन सबके ऊपर यूक्रेन में संघर्ष के परिणाम देख रहे हैं.”
भारत-रूस कई स्तरों पर संपर्क बनाए हुए हैं
बता दें कि भारत और रूस कई स्तरों पर मजबूत और निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में सितंबर में समरकंद में मुलाकात की थी. इसके साथ ही भारत यूक्रेन में युद्ध के बीच रूस से तेल खरीद रहा है, जोकि पश्चिमी देशों के लिए परेशान करने वाली बात है. क्योंकि पश्चिमी देशों ने रूस के साथ व्यापारिक संबंध तोड़ दिए हैं.
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विदेश मंत्री ने कहा, “इस साल हम पांचवीं बार मिल रहे हैं. मुझे लगता है कि यह हमारी दीर्घकालिक साझेदारी और उस महत्व को दर्शाता है जो हम एक दूसरे को सालों से देते आए हैं. इस बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए आज यहां मॉस्को में आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है.”
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दोनों देशों का उद्देश्य एक
उन्होंने यह भी कहा कि अब आर्थिक सहयोग बढ़ने की पृष्ठभूमि में अब दोनों देशों का उद्देश्य एक, संतुलित, परस्पर लाभकारी और दीर्घकालिक साझेदारी के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना होना चाहिए. बैठक के दौरान अपने शुरुआती संबोधन में जयशंकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी, व्यापार एवं कारोबारी मुश्किलों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है.
उन्होंने कहा, “अब हम यूक्रेन संघर्ष के परिणामों को इस मामले में सबसे ऊपर देख रहे हैं. आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के हमेशा बने रहने वाले मुद्दे भी हैं जिनका प्रगति तथा समृद्धि पर बाधाकारी असर होता है.” विदेश मंत्री ने कहा, हमारी वार्ता में समग्र वैश्विक स्थिति और विशिष्ट क्षेत्रीय चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा. ज्ञात हो कि जयशंकर सोमवार शाम दो दिवसीय यात्रा पर मॉस्को पहुंचे. उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं.
जयशंकर की रूस यात्रा का काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह इंडोनेशिया के बाली में होने वाली जी20 समूह की शिखर बैठक से एक सप्ताह पहले हो रही है जहां यूक्रेन संघर्ष और इसके प्रभाव को लेकर सघन चर्चा होना तय माना जा रहा है. यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद जयशंकर की यह पहली मॉस्को यात्रा है.
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