Pneumonia Treatment: ठंड ने दस्तक दे दी है. लोगों ने हल्के गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दिए हैं. कोविड अभी भी हैं. हालांकि हर्ड इम्यूनिटी, लोगों की बॉडी में वायरस के खिलाफ पैदा हुई प्रतिरोधक क्षमता और वैक्सीन अभियान के कारण कोरोना उतना खतरनाक नहीं रहा है. लेकिन अन्य बीमारियों से इन्फेक्टेड लोगों में कोविड से नुकसान होने का खतरा अधिक होता है. डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के मौसम में कमजोर श्वसन तंत्र वाले लोगों को निमोनिया, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी होने की संभावना बनी रहती है. हवा में मौजूद कोविड वायरस भी ऐसे ही लोगों को अधिक संक्रमित कर रहा है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर हैं.
निमोनिया के साथ कोविड है बेहद खतरनाक
कोविड और निमोनिया लंग्स के लिए बहुत बड़ा खतरा होते हैं. कोविड फेफड़ों में सूजन पैदा कर सकता है और बाद में उन सेल्स के टिश्यू को नुकसान पहुंचा सकता है, जो फेफड़ों में हवा की थैली को ठीक रखते हैं. ये वायु थैली सांस लेने और पूरी बॉडी के अंगों तक ब्लड पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. कभी-कभी वायु थैली की वॉल्स इतनी सख्त हो जाती हैं कि मरीज सांस तक नहीं ले पाता है. वहीं, निमोनिया में फेफड़े लिक्विड से भर जाते हैं. सूजन आने के कारण पेशेंट की सांस लेने की स्थिति कमजोर हो जाती है. अगर निमोनिया के साथ कोविड या कोविड के साथ निमोनिया बन जाए तो पेशेंट की जान पर बन सकती है.
दो तरह का होता है निमोनिया
डॉक्टरों का कहना है कि बेसिकली निमोनिया को समझें तो यह लंग्स का इन्फेक्शन है. इसमें लंग्स के अंदर हवा की थैलियों में सूजन आ जाती हैं. इससे सांस लेने में दिक्कत आने लगती हैं. सीने में तेज दर्द रहने लगता है. निमोनिया दो तरह का होता है. वाकिंग निमोनिया और रेग्यूलर निमोनिया. वाकिंग निमोनिया को एटिपिकल निमोनिया भी कहा जाता है. एटिपिकल निमोनिया सूक्ष्म जीवों की वजह से होता है. इसकी नेचर रेग्यूलर निमोनिया से कम गंभीर होती है.
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
निमोनिया बैक्टीरिया, वायरस और फंगल जीवों के अटैक के चलते हो सकता है. इसके लक्षणों की बात करें तो बुखार, सांस लेने में सीने में दर्द, जुकाम अधिक होना, खांसी, ऑक्सीजन लेवल में कमी, ब्लड प्रेशर का लो होना हैं. नार्मली एटिपिकल निमोनिया में सामान्य निमोनिया की तुलना में हल्के लक्षण होते हैं. इनमें सर्दी, खांसी के साथ कभी-कभी खूनी बलगम, बुखार आना हो सकता है. अन्य लक्षणों की बात करें तो गहरी सांस लेने में परेशानी, खांसी, सिर दर्द, भूख न गलना, थकान, मसल्स पेन, जोड़ों में दर्द, लूज मोशन, कान में दर्द, आंखें में दर्द और स्किन पर रेशेज देखने को मिल सकते हैं.
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